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आशा वर्कर निरमा देवी से पीएम मोदी ने मलाणा के टीकाकरण की सुनी कहानी
कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का मलाणा गांव। मलाणा (Malana) में आज भी लोग पौराणिक मान्यताओं पर चलते हैं। लोगों का तो कहना है कि इस गांव के ग्रामीणों ने आज तक भारतीय संविधान को नहीं माना है, बल्कि इनका अपना नीतिगत कानून हैं। जिसके अनुसार यहां के ग्रामीण अपने नियम कायदे चलाते हैं, इन नियम कायदों के चलते कई बार प्रशासन को भी जद्दोजहद करना पड़ता है। उन्हें भी भारतीय कानून के हिसाब से चलाने की कोशिश की जाती है। कई बार कोशिशें फेल हो जाती हैंए कई बार कामयाब। इस बार कुल्लू जिला प्रशासन को कामयाबी हाथ लगी है। कोरोना वैक्सीनेशन के मलाणा वासी मान गए। प्रशासन की यह कोशिश काफी जद्दोजहद के बाद रंग लाई तो पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कैसे पीछे रह सकते थे। आज जब मोदी हिमाचल प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन में उत्कृष्ट योगदान करने वालों के साथ सीधा संवाद कर रहे थे। इसी कड़ी में कुल्लू जिला के ऐतिहासिक गांव मलाणा की आशा वर्कर निरमा देवी (Asha worker Nirma Devi) के साथ पीएम मोदी ने काफी देर तक संवाद किया और मलाणा जैसे देवास्था के केन्द्र में लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करने के बारे में निरमा देवी से जाना।
निरमा देवी ने मोदी को अवगत करवाया कि मलाणा में स्थानीय आराध्य देवता जमलू के आदेश के बिना कोई कार्य नहीं किया जा सकता। देवता की अनुमति से लोग अपनी परंपराओं रीति.रिवाजों और दिनचर्या के कार्यों को करते हैं। निरमा ने बताया कि मलाणा के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार करना बहुत बड़ी चुनौती थी। निरमा देवी ने स्थानीय बोली में देव कार्यों से जुड़े लोगों तथा स्थानीय ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों को वैक्सीन की उपयोगिता के बारे में बताया। निरमा देवी ने पीएम मोदी को अवगत करवाया कि मलाणा का अपना लोकतंत्र है और यहां का शासन और प्रशासन स्थानीय देवता की अनुमति से चलता है जिसमें बाहरी हस्तक्षेप ना के बराबर है। मोदी ने कहा कि मलाणा कुल्लू जिला का दूरदराज का एक ऐतिहासिक गांव है और वह स्वयं भी इस गांव में जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि मलाणा ने लोकतंत्र मार्गदर्शन की दिशा में में अलग भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि मलाणा में स्पेन के माध्यम से वैक्सीन पहुंचाना कठिन काम था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वैक्सीनेशन के लक्ष्य को हासिल करने पर यहां के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
100 वर्ष की सबसे बड़ी महामारी के विरुद्ध लड़ाई में हिमाचल प्रदेश, चैंपियन बनकर सामने आया है।
हिमाचल भारत का पहला राज्य बना है, जिसने अपनी पूरी eligible आबादी को कोरोना टीके की कम से कम एक डोज़ लगा ली है: प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी#VaccineSamvad pic.twitter.com/YxegHoT0GV
— BJP Himachal Pradesh (@BJP4Himachal) September 6, 2021
याद रहे कि डीसी आशुतोष गर्ग लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करने के लिए वैक्सीन सहित व स्वास्थ्य विभाग की टीम सहित स्वयं मलाणा पहुंचे तो लोगों में एक नई आस जगी और अलग सी खुशी लोगों के चेहरों पर दिखाई दी। निरमा देवी ने भी डीसी का संदेश स्थानीय बोली में लोगों तक पहुंचाया और अंततः सभी लोग वैक्सीन (Vaccination) लगवाने के लिए राजी हो गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दो दिन मलाणा रूककर सभी 701 लोगों का वैक्सीनेशन किया। निरमा देवी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि पीएम मोदी से वार्तालाप करके वह धन्य हो गई और इसकी खुशी निरमा के चेहरे पर साफ झलक रही थी। निरमा ने कहा कि पीएम मोदी से बात करके उनका मनोबल बढ़ा है और मलाणा के लोगों के लिए और अधिक जुनून के साथ काम करने की प्रेरणा मिली है। दूसरी डोज के लक्ष्य को पूरा करने के बारे में निरमा ने कहा कि वह इसके लिए बिल्कुल तत्पर हैं और उन्हें उम्मीद है कि दूसरी डोज 84 दिन के अंतराल में दो दिनों में समस्त मलाणा वासियों को लग जाएगी। उन्होंने बताया कि मलाणा के लोगों में वैक्सीन को लेकर कुछ भ्रांतियां थी जो वैक्सीन लगवाने के बाद पूरी तरह से समाप्त हो गई। किसी एक भी व्यक्ति को वैक्सीन से किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा और लोगों में वैक्सीन के प्रति विश्वास और भी बढ़ गया।