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#Farmer’s_Protest:कनाडा के PM #Justin_Trudeau बोले-हालत चिंताजनक, हम साथ खड़े हैं
भारत में कृषि कानून ( Agricultural law) का विरोध कर रहे किसानों के प्रदर्शन ( #Farmer’s_Protest)पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो( #Justin_Trudeau 0 अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए ट्रूडो ने कहा कि ‘स्थिति चिंताजनक बनी हुई है’ और कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के बचाव में आवाज उठाता रहेगा।48 वर्षीय ट्रूडो पहले वैश्विक नेता हैं, जिन्होंने दिल्ली में चल रहे किसान प्रदर्शनों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। गुरू नानक देव की 551वीं जयंती के मौके पर आयोजित एक ऑनलाइन इवेंट में ट्रूडो ने कहा कि भारत से किसानों के प्रदर्शनों की खबर आ रही है। स्थिति चितांजनक बनी हुई है और हम सब परिवारों और दोस्तों को लेकर चिंतित हैं। मैं जानता हूं कि यह आप में से कई के लिए सच्चाई होगी। मैं याद दिला दूं कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकार की रक्षा के लिए खड़ा होगा। ट्रूडो ने आगे कहा कि हम बातचीत के महत्व में भरोसा रखते हैं और इसीलिए हमने कई माध्यमों से हमारी चिंताएं भारत की सरकार के सामने रखी है। यह हम सब के लिए साथ मिलकर चलने का समय है।
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ट्रूडो से पहले कनाडा के रक्षामंत्री हरजीत सिंह ( Canadian Defence Minister Harjit Singh)भी किसान आंदोलनों पर अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। किसानों के प्रदर्शन की एक खबर को रिट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था- ‘भारत में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर क्रूरता दिखाना परेशान करने वाला है। मेरे क्षेत्र के कई लोगों के परिवार वहां हैं और उन्हें अपने लोगों की चिंता है। स्वस्थ लोकतंत्र शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत देते हैं। मैं इस मूलभूत अधिकार की रक्षा की अपील करता हूं।
छह दिनों से उनका विरोध-प्रदर्शन जारी
बता दें कि पंजाब सहित कई राज्यों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर इकट्ठा हो गए हैं। पिछले छह दिनों से उनका विरोध-प्रदर्शन जारी है। पिछले कुछ वर्षों में किसानों का यह सबसे बड़ा आंदोलन है। उनकी मांग है कि उन्हें दिल्ली के रामलीला ग्राउंड जाकर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने दिया जाए। जाहिर है मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।