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नवंबर के बाद मुफ्त राशन मिलना बंद, 80 करोड़ लोगों पर पड़ेगा इसका सीधा असर
नई दिल्ली। गरीबों को मिलने वाला मुफ्त राशन योजना का यह आखिरी महीना चल रहा है। 30 नवंबर के बाद प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना यानी PMGKY पर ताला लग सकता है। इस बारे में खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि नवंबर महीने के बाद भी गरीबों को फ्री में राशन देने के बारे में कोई प्रस्ताव नहीं है। बता दें कि बीते कोरोना काल के वक्त केंद्र सरकार द्वारा यह स्कीम लॉन्च की गई थी।
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कोरोना काल में लॉन्च हुई थी योजना
बीते साल कोरोना के समय से केंद्र सरकार की ओर से इस स्कीम के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त राशन मुहैया कराया जा रहा है। इसी साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस स्कीम को नवंबर तक बढ़ाने का ऐलान किया गया था। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था अब सुधार की ओर बढ़ रही है। ऐसे में PM गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार का कोई प्लान नहीं है।
नवंबर तक बढ़ाया गया था
पीएम गरीब अन्न कल्याण योजना कोरोना काल के शुरुआती दौर यानी मार्च 2020 में शुरू किया गया था। इसे अप्रैल से जून 2020 चक के लिए जारी किया गया था। वहीं, जून में सरकार ने इस योजना को फिर बढ़ाया और इसे नवंबर 2021 तक के लिए लागू किया। वहीं, अब इस मामले पर खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि चूंकि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है और हमारी ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) भी इस साल अच्छी रही है। इसलिए इस गरीब कल्याण योजना को बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है। गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेहूं या चावल के साथ एक किलो चना हर महीने दिया जाता है। यह अनाज राशन की दुकानों के माध्यम से लोगों को मिलता है।
इधर, खाद्य तेल के दामों में भी गिरावट आई है। कई जगहों पर खाद्य तेल की कीमतों में 20 रुपए की तक की गिरावट देखने को मिल रही है। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस बाबत एक प्रेस नोट रिलीज किया। इसमें कहा कि सरकार ने क्रूड पॉम ऑयल, क्रूड सोयाबीन ऑयल और क्रूड सनफ्लावर ऑयल पर ड्यूटी घटा दी है। पहले इन तेलों पर 2.5% ड्यूटी लगती थी जो अब खत्म कर दी गई है। मालूम हो कि पिछले कुछ महीने से खाने के तेल की कीमतें काफी तेजी से बढ़ी थीं। वहीं, सरकार ने कृषि पर लगने वाला सेस भी घटा दिया है। क्रूड पॉम ऑयल पर कृषि सेस 20 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है। जबकि सोयाबीन और सनफ्लावर ऑयल पर उसे 5 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, पामोलीन ऑयल, रिफाइंड सोयाबीन और रिफाइंड सनफ्लावर तेल पर बेसिक ड्यूटी 17.5% कर दी गई है। यह अभी तक 32.5% थी।
दरअसल सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) ने यह फैसला किया था कि उसके सदस्य खाने के तेल की कीमतों को सस्ता करेंगे। इसी के तहत यह फैसला किया गया था। उसने कहा कि उसके अन्य सदस्य जैसे जेमिनी एडिबल ऑयल और फैट्स इंडिया, मोदी न्यूट्रल्स, गोकुल रिफॉयल, विजय सॉल्वेक्स, गोकुल एग्रो और एनके प्रोटींस भी अपने खाने के तेल की कीमतों में कमी कर दिए हैं। वहीं, भारत अपने खाद्य आपूर्ति के लिए 60 प्रतिशत से अधिक तेल आयात करता है। जिस कारण खाद्य तेल के दामों में उतार चढ़ाव लगा रहता है।