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शिमला। हिमाचल में जेसीसी बैठक (JCC Meeting) का काफी दिनों से चल रहा इंतजार खत्म हो गया। इस बैठक में लिए फैंसलों से कई लोग खुश हुए तो कईयों को निराशा हाथ लगी। इस बैठक से पुलिस कर्मचारी (Police Personnel) भी निराश दिखे। सामने आई ताजा रिपोर्ट के अनुसार सरकार से खफा हुए 2015 के बाद विभाग में नियुक्तियां हासिल करने वाले कर्मियों ने पुलिस विभाग की सरकारी मेस में अब से खाना ना खाने का फैसला किया है।
इन कर्मियों का कहना है कि जब तक उनकी जायज मांगों को स्वीकार नहीं किया जाता, तब तक विभाग की सरकारी मेस में खाना नहीं खाएंगे। इतना ही नहीं इन कर्मचारियों के परिजनों ने भी मांगों को स्वीकार ना किए जाने पर आगामी चुनाव में मतदान में हिस्सा ना लेते हुए बीजेपी का विरोध करने की बात कही है। इस पूरे मामले को लेकर सवाल ये खड़ा हो रहा है कि अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण की अवधि तीन साल से घटाकर दो साल की गई, तो पुलिस कर्मियों के प्रोबेशन पीरियड को लेकर क्यों विचार नहीं किया गया। बता दें कि पूरे प्रदेश में 8 साल का प्रोबेशन पीरियड पूरा कर रहे पुलिस कर्मियों में इस बात को लेकर रोष है कि उनके बारे में सरकार ने क्यों नहीं सोचा।
साल 2015 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों का कहना है कि नया वेतनमान लागू करने के दौरान उनकी मांगों को दरकिनार किया गया। वहीं अब उनकी हताशा बढ़ती जा रही है। इन कर्मियों के अनुसार पुलिस भी देश व प्रदेश का हिस्सा है। अन्य विभागों में अनुबंधकाल कम हो सकता है, लेकिन पुलिस विभाग के कर्मचारियों के वेतनमान की बढ़ोतरी की समय सीमा को कम नहीं किया जा सकता। कर्मचारियों के परिजनों ने ये भी चेतावनी दी है कि अगर जायज मांगों को जल्द ही सरकार ने नहीं माना तो आने वाले चुनाव के मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे व बीजेपी का कड़ा विरोध करेंगे।
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