-
Advertisement
बर्ड फ्लू… बचाव को करें ऐसा
कांगड़ा/हिमाचल प्रदेश। कांगड़ा जिला की पौंग झील में बर्ड फ्लू के चलते तीन हजार से ज्यादा प्रवासी पक्षी अब तक जान गवां चुके हैं। बर्ड फ्लू हमें बर्ड फ्लू से अलर्ट रहने की जरूरत है। पशु चिकित्सा अधिकारी रानीताल जिला कांगड़ा डॉ. सर्वेश गुप्ता ने मुर्गियों को ‘‘बर्ड फ्लू’’ से बचाने के लिए लोगों से प्रांरभिक रोकथाम व नियंत्रण के उपाय करने की अपील की है।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि लोग फार्म व बाड़े में जाने के लिए अलग जूते या चप्पलों का इस्तेमाल करें। फार्म या बाड़े के बाहर फृटपाथ बनाएं जिन्हें फिनाईल, फॉरमलिन या कीटाणु नाशक घाल का प्रयोग करें या फुटपाथ में चूने का प्रयोग भी किया जा सकता है। फार्म या बाड़े में जाने से पहले अपने हाथ साबुन से धोकर जाएं। फार्म या बाड़े के चारों तरफ नियमित रूप से चूने का छिड़काव करें। फार्म या बाड़े में पड़े छिद्रों को बंद करें, जिससे चूहे व नेवले अंदर ना प्रवेश कर सकें। फार्म या बाड़े के चारों तरफ उगी ऊंचीं झाड़ियों व ऊंचे पेड़ों की टहनियों को काटे जिससे कौवे, चील व गिद्ध जैसे मांसाहारी पक्षी उस पर न बैठ सकें। मुर्गी पालकों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि मांसाहारी व प्रवासी पक्षियों का मल किसी भी तरीके से फार्म में रखी मुर्गियों के संपर्क में ना आए।