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चव्हाण बोले- ट्रस्टों से सोना ले सरकार, BJP ने कहा: Congress-मुगल में अंतर नहीं; मिला जवाब
नई दिल्ली। भारत में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच देश में मंदिरों के पास रखे हुए सोने को लेकर सियासत का दौर शुरू हो गया है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) के केंद्र सरकार से कोरोना संकट में देश के सभी धार्मिक ट्रस्टों में रखे सोने के भंडार का इस्तेमाल करने वाले बयान पर सियासत तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने मसले पर चव्हाण के बहाने कांग्रेस को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया है। बीजेपी (BJP) के पूर्व लोकसभा सांसद किरीट सोमैया ने पृथ्वीराज से सवाल किया है कि क्या सोनिया गांधी ने उनसे ये मांग करने के लिए कहा है तो पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेताओं की तुलना मुगल आक्रमणकारियों से कर दी।
अटल राज में बनाए गए नियमों की दिलाई याद
वहीं इस मामले को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर तेज होने के बाद पृथ्वीराज चव्हाण नए दावे के साथ सामने आए हैं। इस बार उन्होंने वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा के संसद में दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा कि मंदिरों के सोने पहले भी जमा किए जा चुके हैं। चव्हाण ने अपने बयान के बारे में सफाई पेश करते हुए कहा कि मेरी सलाह सभी धार्मिक ट्रस्टों के लिए है। लेकिन मीडिया के एक हिस्से में इसे तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। चव्हाण ने कहा कि साल 1999 में तब की अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) सरकार ने गोल्ड डिपॉजिट स्कीम की शुरुआत की थी। 2015 में मोदी सरकार ने इसका नाम बदलकर गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम कर दिया।
चव्हाण ने कहा- मेरे बयान के साथ खिलवाड़ किया गया है
वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा द्वारा लोकसभा में दिए गए बयान के मुताबिक कई मंदिरों ने अपना सोना डिपॉजिट कर रखा है। उन्होंने बताया कि वित्त मंत्रालय की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक स्कीम के शुरू होने से 31 जनवरी, 2020 तक गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत 2952 विभिन्न ट्रस्टों ने गोल्ड जमा कराया है। इन ट्रस्टों ने 11 बैंकों में 20 टन से अधिक सोना जमा किया है। यहां तक कि तिरुपति बालाजी ट्रस्ट ने स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में 4 टन से अधिक गोल्ड जमा किया है। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मेरे बयान के साथ जिन लोगों ने खिलवाड़ किया है, इसको लेकर कानूनी सलाह के साथ आगे का फैसला लूंगा।
यहां जानें क्या बोले थे चव्हाण
बता दें कि इससे पहले चव्हाण ने 13 मई को एक ट्वीट कर कहा था कि देश में धार्मिक ट्रस्टों के पास एक ट्रिलियन डॉलर का सोना पड़ा हुआ है। सरकार को कोरोना संकट से निपटने के लिए इस सोने का तुरंत इस्तेमाल करना चाहिए। इस आपातकालीन स्थिति में सोने को कम ब्याज दर पर सोने के बॉन्ड के माध्यम से उधार लिया जा सकता है। जिसपर बीजेपी नेताओं ने उनके खिलाफ आक्रमक रुख इख्तियार कर लिया था।