-
Advertisement
दिवाली पर मां लक्ष्मी व गणेश की इस तरह करेंगे पूजा तो धन धान्य से भर जाएगा घर
दिवाली की रात देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। कहते हैं कि यदि देवी लक्ष्मी आप पर प्रसन्न हो गईं तो आपको धन-धान्य और सुख के साथ ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।मां लक्ष्मी धन की देवी हैं, यह हम सभी जानते हैं। मां लक्ष्मी की कृपा से धन व ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की भी विशेष पूजा होती है, इसलिए उनके आशीर्वाद से मनुष्य को हर संकट से मुक्ति मिलती है और कार्य में सफलता। देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश दोनों ही धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति कराते हैं। इसलिए दिवाली पर इनकी पूजा में कोई चूक न हो इसलिए आपको इनकी पूजा की पूरी विधि पता होनी चाहिए। तो आइए आपको दिवाली पूजा की संपूर्ण विधि के बारे में जानकारी दें।
दिवाली की पूजन विधि
– दिवाली के दिन घर में सुबह ही साफ-सफाई कर लें, क्योंकि देवी और गणपति जी कभी गंदे या कबाड़ भरे घरों में प्रवेश नहीं करते हैं। इसलिए दिवाली की सफाई बहुत पहले से कर देनी चाहिए।
– दिवाली की विशेष पूजा शाम के समय होती है और मुर्हूत पर की जानी चाहिए। शाम के समय स्नान करने के बाद पूजा करना चाहिए।
– इस दिन घर के प्रत्येक सदस्य को पूजा में शामिल होना चाहिए और पूजा घर के मुखिया को करना चाहिए। सर्वप्रथम पूजा मंदिर और परिजनों को गंगाजल डाल कर शुद्ध करें और देवी लक्ष्मी और गणपति जी को लाल आसन देकर पीढ़े पर स्थापित करें। साथ में ही इस दिन भगवान कुबेर को भी पूजा स्थल में स्थापित करें।
– अब एक नई थाली में खील और बताशों को भगवान के सामने रखें।सभी देव और देवी की प्रतिमा रखने के बाद कलश पर स्वास्तिक बनाकर आम के पत्ते रखें और उस पर नारियल भी स्थापित करें।
-इसके बाद करने पंचमेवा, गुड़ फूल , मिठाई, घी , कमल का फूल ,खील और बातसे जैसी सभी चीजें भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी और कुबेरजी को अर्पित करें। देवी के वस्त्र भी अर्पित करें।
-इसके बाद भगवान के समक्ष चांदी के सिक्के, गहनों और बही-खातों जैसी जो भी कीमती वस्तु आपके पास हो रख दें। इसके बाद घी और तेल के दो दीपक यहां जलाएं और विधिवत भगवान की पूजा करें।
-पूजा में माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप और साथ ही श्री सूक्त का भी पाठ अवश्य करें। इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आरती उतारें और उन्हें मिठाईयों का भोग लगाएं। पूजन के दौरान “ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रववाय, धन-धान्यधिपतये धन-धान्य समृद्धि मम देहि दापय स्वाहा” मंत्र का 108 बार जप करें।
– पूजा समाप्त होने के बाद अपने घर के मुख्य द्वार पर तेल के दो दीपक अवश्य जलाएं और साथ ही अपनी तिजोरी पर भी एक दीया अवश्य रखें। इस दिन तुलसीजी और शमी के पेड़ में दीप जरूर रखें। इसके अलावा घर से लेकर बाथरूम तक में दीया जरूर जलाएं।