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प्राण प्रतिष्ठा में भाग लेने की मिली सजा, 90 छात्रों पर जुर्माना; निष्काषण की लटकी तलवार
Last Updated on January 25, 2024 by Himachal Abhi Abhi
एचके पंडित/ पांवटा साहिब। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Pran Prathishtha) में भाग लेने गए करीब 90 छात्रों को एक निजी कॉलेज (Private College) के प्रबंधन ने सजा के तौर पर क्लास से बाहर खड़ा कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं, इनमें से प्रत्येक छात्र पर कॉलेज प्रबंधन ने ढाई हजार रुपए का जुर्माना (Fine) भी लगाया है। जुर्माना न भरने की सूरत में कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों को निष्काषित करने की धमकी भी दी है।
मामला पांवटा साहिब के हिमाचल ग्रुप ऑफ इंस्टीटयूट कॉलेज का है। मामले की भनक लगते ही हिंदू संगठन भड़क उठे। उन्होंने कॉलेज पहुंचकर गेट पर प्रदर्शन (Agitation) किया। बवाल बढ़ता देख स्थानीय प्रषासन भी मौके पर पहुंचा। तहसीलदार व डीएसपी ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत करवाया और मामले की जांच का पूरा भरोसा दिया। बताया जा रहा है कि जुर्माना लगाने वाले कॉलेज के एचओडी (HOD) को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया। मामले की जांच के आदेश जारी हो गए हैं।
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22 को नहीं दी थी छुट्टी
अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए हिमाचल सरकार ने पूरे राज्य में छुट्टी (Holiday) का ऐलान किया था। लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने आदेश को दरकिनार कर कॉलेज में छुट्टी नहीं थी। वहीं, छुट्टी का ऐलान होने के बाद 90 छात्र प्राण प्रतिष्ठा में भाग लेने अयोध्या (Ayodhya) चले गए। जब वे लौटकर आए तो उन्हें कॉलेज प्रबंधन ने सजा सुना दी।
कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
पांवटा साहिब के तहसीलदार ऋषभ शर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद मौके पर जायजा लिया गया है। मामले की जांच (Enquiry) के लिए कॉलेज की इंटरनल कमेटी गठित की गई है। रिपोर्ट आने के बाद मामले में आगामी कार्रवाई की जाएगी।
कॉलेज प्रबंधन की जांच शुरू: वाइस प्रिंसिपल
दूसरी तरफ कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल (फार्मा) डॉ. अभिनय पुरी के अनुसार कॉलेज प्रबंधन ने भी अपने स्तर पर कमेटी बना दी है। मामले की जांच की जा रही है, जिसमें छात्रों व एचओडी दोनों पक्षों को सुना जाएगा। इसके बाद मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
धार्मिक भावना से खिलवाड़ नहीं
विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता सचिन ओबराय, सन्नी व अजय सभ्रवाल ने मांग की कि जुर्माना लगाने वाले कॉलेज के संबंधित अधिकारी को निलंबित किया जाए। साथ ही छात्रों पर लगाए गए जुर्माना के आदेश को वापिस लिया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि धार्मिक भावना से खिलवाड़ सहन नहीं होगा।