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PWD का कारनामा: जर्जर बुनियाद को सुधारे बिना कर दी पुल की मरम्मत
वी. कुमार/मंडी। पंडोह (Pandoh) के साथ लगते 9 मील के पास द्रंग क्षेत्र को नेशनल हाईवे के (National High Way) साथ जोड़ने के लिए बनाए गए फुट ब्रिज (Foot Bridge) की PWD की तकनीकी शाखा ने सालों बाद मरम्मत तो की है, लेकिन पुल की दरकती बुनियाद (Weak Foundation) को वैसा ही छोड़ दिया है। अब हालत यह है कि कमजोर बुनियाद पर खड़ा यह पुल हादसे (Accident) को न्योता दे रहा है। अब लोगों ने पुल की मरम्मत पर सवाल उठाते हुए PWD पर भ्रष्टाचार (Corruption) के गंभीर आरोप लगाए हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुल के निर्माण कार्य में अनियमितताएं बरती गई हैं। लोगों ने सरकार से जांच की मांग की है। उनका कहना है कि PWD ने पुल के ऊपरी ढांचे को तो बदल दिया, लेकिन कंक्रीट की पुरानी बुनियाद की मरम्मत नहीं की गई। बुनियाद में इस्तेमाल किया गया सरिया और सीमेंट पकड़ खो चुके हैं। उसी के उपर लोहे के नए खांचे फिट करके पुल को तैयार किया गया है। स्पष्ट जाहिर हो रहा है कि भविष्य में कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
रेलिंग की ऊंचाई 3 फीट करें
पुल के दोनों तरफ सिर्फ दो-दो फीट की रेलिंग लगाई गई है, जबकि यह कम से कम तीन फीट होनी चाहिए थी। यदि किसी का पैर फिसलता है या कोई लड़खड़ा जाता है तो सीधा नीचे ब्यास नदी (Beas River) में जाकर गिरेगा। लोगों ने इसे तीन फीट करने की मांग रखी है। स्थानीय निवासी राधा कृष्ण वर्मा और गोपाल ठाकुर ने आरोप लगाया कि PWD के मैकेनिकल विंग निर्माण ने काम में गड़बड़ी की है। चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए यह सब किया गया है।
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झूल गया PWD का झूला पुल
दूसरी तरफ पंडोह में ब्यास नदी पर बने 100 साल पुराने पुल के टूटने के बाद मैकेनिकल विंग का बनाया झूला पुल भी बीच मंझधार में झूलता (Hanging Mid Stream) दिख रहा है। लोगों को झूला पुल लाभ नहीं मिल रहा है। एक बार लोग इसमें फंस गए थे, जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया था। लोगों ने सरकार से मांग उठाई है कि इसकी भी जांच की जाए और नदी के ऊनी नया पुल बने।