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विकास दुबे के एंकाउंटर पर उठे सवाल: CBI जांच की मांग के लिए SC में याचिका, NHRC में भी शिकायत
लखनऊ। कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों को मारने का आरोपी उत्तर प्रदेश (UP) का हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे शुक्रवार सुबह पुलिस एनकाउंटर (Encounter) में मारा गया। गुरुवार को उज्जैन से गिरफ्तार (Arrested) दुबे को एसटीएफ की टीम सुबह ही कानपुर लेकर पहुंची थी। बतौर रिपोर्ट्स, बारिश के बीच एक गाड़ी पलट गई और इस दौरान भागने की कोशिश कर रहे दुबे पर फायरिंग की गई। इस दौरान गोली लगने से उसकी मौत हो गई। लेकिन इन सारी बातों के बीच सोशल मीडिया पर #fakeencounter हैशटैग ट्रेंड कर रहा है और तमाम लोग इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं विकास दुबे और उसके 5 साथियों के एंकाउंटर को लेकर सीबीआई (CBI) जांच की मांग वाली जनहित याचिका शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा मामला
I have filled a complaint with the National Human Rights Commission on the alleged #fake_encounter of #vikasDubeyEncounter this #fridaymorning as part of a "script" to protect UP politicians & the Yogi Adityanath ji govt & other UP police officers. #vikasDubeyEncounter pic.twitter.com/d5JlHM4BmC
— Tehseen Poonawalla Official 🇮🇳 (@tehseenp) July 10, 2020
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस याचिका में कहा है, ‘मुठभेड़ के नाम पर पुलिस द्वारा आरोपियों को मारना कानून-विरोधी और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।’ दुबे के एनकाउंटर से पहले दायर हुई याचिका में उसके एनकाउंटर की भी आशंका जताई गई थी। वहीं अब एनकाउंटर का ये मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) तक पहुंच गया है। तहसीन पूनावाला (Tehsin Poonawala) की ओर से NHRC में एनकाउंटर को लेकर शिकायत दर्ज की गई है। इस शिकायत में गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के अलावा उसके पांच साथियों के मारे जाने की बात शामिल की गई है। साथ ही लिखा गया है कि विकास दुबे ने खुद सभी के सामने सरेंडर किया था। इसके अलावा दावा किया गया है कि वीडियो फुटेज में विकास दुबे टाटा सफारी में बैठा हुआ दिख रहा है, जबकि जो गाड़ी पलटी है वो दूसरी है। ऐसे में इस एनकाउंटर और घटना पर शक पैदा होता है। ऐसे में इस मामले में जांच के लिए अपील की गई है।
सोशल मीडिया पर उठ रहे हैं ये सारे सवाल
विकास दुबे और उसके गुर्गों द्वारा कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों को मारने की घटना के बाद से ही ऐसा माना जा रहा था कि विकास का एंकाउंटर कर दिया जाएगा। लेकिन गुरुवार को विकास ने जिस तरह सरेंडर किया उसके बाद उसका एंकाउंटर किए जाने की संभावना लगभग समाप्त हो गई थी। इसके बावजूद भी गिरफ्तार किए जाने के 24 घंटे के भीतर ही उसका एंकाउंटर कर दिया जाता है, यह बात लोगों को आसानी से पच नहीं रही है। सोशल मीडिया (Social Media) पर कुछ लोग सवाल कर रहे हैं कि जब विकास दुबे ने खुद ही सरेंडर कर दिया था तो वह भागने की कोशिश क्यों कर रहा था।
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एनकाउंटर के दौरान पुलिस ने सीने पर गोली मारी। क्या पुलिस का मकसद उसे भागने से रोकना नहीं, जान से मारना था? वहीं कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि विकास दुबे के पकड़े जाने से कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता था क्योंकि विकास के संबंध राजनेताओं और पुलिस के लोगों से भी था। ट्विटर पर लोग ये भी सवाल कर रहे हैं कि इन लोगों को बचाने के लिए कहीं फर्जी एनकाउंटर तो नहीं किया गया। अब इन सब बातों में कितनी सच्चाई है, यह बात या तो कानपुर पुलिस जानती होगी या तो विकास दुबे!