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पुणे। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेशियों के खिलाफ विवादास्पद अभियान चलाया हुआ। जिसके तहत मनसे कार्यकर्ता मुंबई के बाद पुणे (Pune) में शहर के उन इलाकों में जा रहे हैं, जहां कथित रूप से बांग्लादेशी रहते हैं। ये मनसे कार्यकर्ता उन जगहों पर जाकर लोगों से उनकी नागरिकता का सबूत मांग रहे हैं। बताया गया कि शनिवार को मनसे के एक दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने शहर के धनकवड़ी इलाके में जाकर घर-घर जांच की और लोगों के आईकार्ड (I Card) चेक किए। इस दौरान हैरान करने वाली बात यह थी कि इन मनसे नेताओं के साथ पुलिस अधिकारी (Police Officers) भी मौजूद रहे।
इस जांच के बारे में पूछे जाने पर मनसे कार्यकर्ताओं ने बताया जांच के दौरान एक युवा के पास दो वोटर आईडी कार्ड मिले हैं। मनसे कार्यकर्ता उसे पुलिस स्टेशन लेकर गए हैं। ऐसे ही कई लोग शहर में रह रहे हैं, इसलिए इनकी जांच जरुरी है। बता दें कि कुछ दिन पहले पुणे में पार्टी की ओर से पोस्टर लगाए गए थे। इनमें लिखा था- ‘बांग्लादेशी निकलो वरना मनसे स्टाइल से निकाले जाओगे।’ इन पोस्टरों में मनसे ने लिखा है कि भारत मेरा देश है, मेरा मेरे देश पर प्रेम है। घूसखोरी करने वाले मेरे बंधु नहीं और ना ही वो भारतीय हैं। उन्हें इस देश से निकाल देना चाहिए।
वहीं 9 फरवरी को महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने CAA-NRC के समर्थन में एक विशाल रैली की थी। इस रैली में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अवैध बांग्लादेशियों को शहर से बाहर करने की मांग की थी। राज ठाकरे ने कहा कि घुसपैठियों को देश से बाहर निकालकर देश को साफ-सुथरा किया जाना चाहिए। राज ने चेतावनी दी थी कि अगर कुछ लोग सिर्फ शक्ति प्रदर्शन करने के लिए सीएए-एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें जवाब दिया जाएगा।
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