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46 वर्ष बाद खोला गया जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार, कीमती सामान की तैयार होगी सूची
Jagannath Temple Ratan Bandhar:ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर (Lord Jagannath Temple) के रत्न भंडार को आज 46 वर्ष बाद खोल दिया गया है। रत्न भंडार (Ratan Bandhar) के खुलने से पहले श्री जगन्नाथ मंदिर में विशेष बक्से लाए गए। रत्न भंडार खुलने से पहले मंदिर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसके साथ ही तमाम तरह की तैयारियां की गई हैं। ओडिशा सरकार (Odisha government) रत्न भंडार के आभूषणों और अन्य मूल्यवान सामानों की सूची तैयार करायेगी। इस रत्न भंडार को आखिरी बार 1978 में खोला गया था और तभी आभूषणें की अंतिम बार सूची बनी थी। इस रत्न भंडार को आखिरी बार 1978 में खोला गया था और तभी आभूषणें की अंतिम बार सूची बनी थी। 12वीं सदी के इस मंदिर का रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण करता है।
ସୁପ୍ରଭାତ! Today's Patitapaban Darshan At Shree Jagannatha Temple, #Puri. pic.twitter.com/39lVRnniMW
— Shree Jagannatha Temple, Puri (@JagannathaDhaam) July 14, 2024
दो हिस्सों में बंटा भगवान का खजाना
जगन्नाथ मंदिर चार धामों में से एक धाम है, इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर में रत्न भंडार भी है। रत्न भंडार को भगवान का खजाना कहा जाता है जाहिर है ये रत्न भंडार दो हिस्सों में बंटा है। इसका बाहरी हिस्सा खुला है, जबकि भीतरी हिस्सा रहस्य बन चुका है। रत्न भंडार में राजाओं द्वारा दान में दिये गये भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के कीमती आभूषण हैं।
ओडिशा सीएमओ ने भी रत्न भंडार खोले जाने की जानकारी दी है। सीएमओ ( CMO) की तरफ से जारी एक पत्र में लिखा गया, ‘जय जगन्नाथ, हे प्रभो! आप लयबद्ध हैं। तेरी चाह से सारा संसार त्रस्त है। आप रूढ़िवादी राष्ट्र की धड़कन हैं। ऑर्डेयन जाति की अस्मिता और स्वविमान का सर्वोत्तम परिचय। आपकी इच्छानुसार आज ओडोनिया समुदाय(Odonia Community) ने अपनी अस्मिता पहचान को लेकर आगे बढ़ने का प्रयास शुरू कर दिया है। आपकी इच्छा से सबसे पहले मंदिर के चारों दरवाजे खोले गए। आज आपकी वसीयत के 46 वर्ष बाद वह रत्न एक महान उद्देश्य से खोला गया। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह महान कार्य सफल होगा। आपके आशीर्वाद से, सभी रूढ़िवादी जाति, वर्ण, वर्ण, रंग और सर्वोपरि राजनीति के मतभेदों को भूलकर आध्यात्मिक और भौतिक जगत में ओडिशा की एक नई पहचान बनाने के लिए आगे बढ़ें, ऐसी मेरी प्रार्थना है।’
ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ
ହେ ମହାପ୍ରଭୁ!
ତୁମେ ଲୀଳାମୟ। ତୁମ ଇଚ୍ଛାରେ ଏ ସାରା ସଂସାର ଆତଯାତ ହେଉଛି। ତୁମେ ଓଡ଼ିଆ ଜାତିର ହୃତ୍ ସ୍ପନ୍ଦନ। ଓଡ଼ିଆ ଜାତିର ଅସ୍ମିତା ଓ ସ୍ବାଭିମାନର ଶ୍ରେଷ୍ଠ ପରିଚୟ।
ତୁମ ଇଚ୍ଛାରେ ଓଡ଼ିଆ ଜାତି ଆଜି ତାର ଅସ୍ମିତାର ପରିଚୟକୁ ନେଇ ଆଗକୁ ବଢ଼ିବାକୁ ଉଦ୍ୟମ ଆରମ୍ଭ କରିଛି। ତୁମ ଇଚ୍ଛାରେ ପ୍ରଥମେ ଶ୍ରୀମନ୍ଦିରର ଚାରି…
— CMO Odisha (@CMO_Odisha) July 14, 2024
हमें अंदर की स्थिति का पता नहीं है
इसे लेकर निरीक्षण समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिश्वनाथ रथ(Justice Biswanath Rath) ने कहा बैठक में हुई चर्चा के अनुसार और ‘पुरोहितों’ और ‘मुक्ति मंडप’ के सुझावों के अनुसार, रत्न भंडार खोलने का सही समय दोपहर 1:28 बजे है। यह प्रक्रिया वीडियो रिकॉर्डिंग के दो सेटों के साथ की जाएगी और दो प्रमाणीकरण होंगे। यह एक चुनौती होगी क्योंकि 1985 में इसके आखिरी बार खुलने के बाद से हमें अंदर की स्थिति का पता नहीं है।
नेशनल डेस्क