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RBI का प्रस्ताव: शाम 7 बजे के बाद तंग नहीं कर पाएंगे लोन रिकवरी एजेंट्स
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लिए वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग से जुड़े दिशा-निर्देशों का नया ड्राफ्ट जारी (New Draft Released) किया है। ड्राफ्ट के मुताबिक, RBI के दायरे में आने वाले बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लोन रिकवरी एजेंट (Loan Recovery Agents) अब कर्जदार को शाम 7 बजे के बाद और सुबह 8 बजे से पहले संपर्क नहीं कर सकेंगे। ड्राफ्ट पर रिजर्व बैंक ने सभी भागीदारों से शनिवार 28 नवंबर तक राय मांगी है। ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है कि बैंक एनबीएफसी मैनेजमेंट से जुड़े मुख्य फैसलों, पॉलिसी तैयार करने और लोन मंजूरी जैसे फैसलों के लिए आउटसोर्सिंग सेवा का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इस नियम के दायरे में पेमेंट बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, नाबार्ड और सिडबी जैसे वित्तीय संस्थान सहित सभी तरह के सहकारी बैंक और क्रेडिट इन्फॉर्मेंशन कंपनियां आएंगी।
कर्जदार या गारंटर को नहीं दे सकते धमकी
ड्राफ्ट में कहा गया है कि RBI के दायरे में आने वाले अन्य सभी वित्तीय संस्थानों को डायरेक्ट सेल्स एजेंट्स, डायरेक्ट मार्केटिंग एजेंट्स और रिकवरी एजेंट्स के लिए बोर्ड से मान्य किया गया कोड ऑफ कंडक्ट (Code Of Conduct) बताना होगा और उसका पालन करने के लिए कहना होगा। वित्तीय संस्थानों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके एजेंट्स अपनी जिम्मेदारियों को संवेदनशीलता से निभाने के लिए प्रशिक्षित हों। रिकवरी एजेंट कर्जदार या गारंटर को मोबाइल या सोशल मीडिया पर किसी तरह की धमकी (Threat) नहीं दे सकते।
निजता का रखना होगा ध्यान
एजेंट्स को कर्जदार की निजता (Take Care Of Privacy) का भी ध्यान रखना होगा। कर्ज रिकवरी के दौरान रिकवरी एजेंट कर्जदार के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते और न ही शारीरिक हानि पहुंचा सकते हैं। ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है कि एजेंट्स अगर किसी ग्राहक को बैंक या वित्तीय संस्थान का कोई प्रोडक्ट बेचते हैं तो उन्हें उस प्रोडक्ट से जुड़े नियम और शर्तें स्पष्टता के साथ बतानी होंगी।
अवैध लोन ऐप्स पर सरकार सख्त
देश में कई वित्तीय कंपनियां ऐप्स के जरिए इंस्टैंट लोन (Instant Loan Apps) बांट रही हैं, इनमें कई ऐप्स फर्जी भी हैं। अब अवैध रूप से लोन देने वाले इंस्टैंट लोन ऐप्स पर सरकार सख्त हो गई है। ऐसे ऐप्स के बढ़ते खतरों से निपटने के लिए आईटी मंत्रालय ने RBI को ज्यादा जानकारी वाली केवाईसी प्रक्रिया (KYC Process) तैयार करने को कहा है। इसमें लोन सुविधा देने वाली कंपनियों को सभी जानकारी उपलब्ध करानी होगी। व्यापक केवाईसी से गड़बड़ी करने वाले लोन ऐप्स का पता लगाने में मदद मिलेगी।