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लोन लेने और देने वालों के लिए आरबीआई ला रहा जबरदस्त पॉलिसी, आप भी यहां जानें
देश में कई निजी फर्म (Private Firm) और ऐप जरूरतमंद लोगों को मिनटों में लोन तो दे देते हैं, लेकिन वसूली करते समय अपनी मनमानी पर उतर आते हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी होती है, साथी उन्हें जरूरत से ज्यादा लोन (Loan) चुकाना पड़ता है। ऐसे में ग्राहकों की तरफ से कई बार शिकायतें आती है। इस तरह की समस्याओं को सुलझाने के लिए आरबीआई (RBI) ने जबरदस्त तैयारी की है। इस तरह के ऐप और उनकी मनमानी को कंट्रोल करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल लेंडिंग (Reserve Bank of India Digital Lending) को लेकर नई पॉलिसी लॉन्च कर रही है।
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आरबीआई के गवर्नर ने दी जानकारी
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद इसकी जानकारी देते हुए बताया कि डिजिटल लेंडिंग (Digital Lending) से जुड़ी गाइडलाइंस आने वाले दो महीने के भीतर जारी हो जाएंगी। इससे फटाफट लेने देकर मनमाना वसूली करने वाली कंपनियों पर अंकुश लगेगा। शक्तिकांत दास ने बताया कि डिजिटल लेंडिंग पर मिली सिफारिशों के परीक्षण का काम पूरा हो चुका है और जल्दी ही इस पर आंतरिक चर्चा कर गाइडलाइंस (Guidelines) को जारी कर दिया जाएगा।
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बीएनपीएल पर भी लागू होंगी आरबीआई की गाइडलाइंस
आरबीआई की नई पॉलिसी बीएनपीएल (BNPL) पर भी लागू होंगी। दरअसल, आरबीआई के अनुसार सिर्फ सत्यापित फिनटेक कंपनियों को ही लोन देने की इजाजत होनी चाहिए। इससे ग्राहकों पर मनमानी नहीं होगी, इसलिए आरबीआई इस नई पॉलिसी के अंतर्गत बाय नाउ एंड पे लेटर (Buy Now and Pay Later) सहित सभी फिनेटक कंपनियों को लाना चाहता है। आरबीआई की इस नई पॉलिसी आने के बाद ये छोटे-छोटे ऐप जो लोन देने का दावा करते हैं और लोन देने के बाद मनचाहा वसूली करते हैं, उन पर लगाम लगेगी। इतना ही नहीं, यह गाइडलाइंस भारतपे और यूएनआई, कैपिटल फ्लोट, स्लाइस, जेस्टमनी, पेटीएम जैसे बीएनपीएल के दिग्गजों पर भी लागू होंगी।