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देश के उपराष्ट्रपति की होती हैं ये जिम्मेदारियां, सैलरी जानकर होंगे दंग
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बता दें कि हमारे देश में उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। उपराष्ट्रपति का चुनाव (Election) 35 साल की उम्र पूरा कर चुका कोई भी व्यक्ति लड़ सकता है। इसके लिए उम्मीदवार को कम से कम 20 संसद सदस्यों को प्रस्तावक और कम से कम 20 संसद सदस्यों को समर्थक के रूप में नामित कराना होता है। इसके अलावा उम्मीदवार किसी सदन या राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं होना चाहिए। हालांकि, अगर कोई संसद सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ना चाहता है तो उसे सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने होगा और प्रत्याशी बनने के लिए 15 हजार रुपए की राशि भी जमा करवानी होगी।
इतनी मिलती है सैलरी
इस पद के लिए उन्हें संसद अधिकारी के सैलरी (Salary) और भत्ते अधिनियम, 1953 के तहत सैलरी देने का प्रावधान है। उपराष्ट्रपति को सभापति के तौर पर सैलरी और अन्य सरकारी सुविधाएं मिलती हैं। उपराष्ट्रपति को हर महीने 4 लाख रुपए सैलरी मिलती है। इसके अलावा उन्हें कई तरह के अन्य भत्ते जैसे कि दैनिक भत्ता, मुफ्त आवास, यात्रा, चिकित्सा और अन्य सुविधाओं के लाभ मिलते हैं। उपराष्ट्रपति को सरकारी स्टाफ भी दिया जाता है।
ये होती हैं जिम्मेदारियां
उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति की गैर-मौजूदगी में राष्ट्रपति की सभी जिम्मेदारियां निभानी होती हैं। इस दौरान उन्हें राष्ट्रपति की सैलरी और सरकारी सुविधाएं मिलती हैं।
ऐसे होते हैं चुनाव
बता दें उपराष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं। इतना ही नहीं दोनों सदनों को मनोनीत सांसद भी उप राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग कर सकते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 सदस्य हिस्सा लेते हैं। इसमें राज्यसभा में कुल 245 और लोकसभा में 545 सांसद वोट देते हैं।
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