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23 दिन पहले ही रोहतांग दर्रा बहाल, दो दिन में दौड़ेंगे निजी वाहन
कुल्लू। विश्व प्रसिद्ध रोहतांग दर्रा पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 15 फीट ऊंची बर्फ की मोटी चादर को काट कर मनाली-केलांग मार्ग को आज बहाल कर दिया है। बीआरओ की कड़ी मशक्कत आखिरकार रंग ले आई है। दो महीने के कठिन अभियान में बीआरओ 15 फीट से ऊंची बर्फ की दीवारों को काटकर रोहतांग दर्रे के दोनों छोरों को जोड़ने में कामयाब हो गया है। बीआरओ की मशीनरी दिन-रात माइनस डिग्री तापमान में जुटी रही। पिछले साल रोहतांग दर्रा 18 मई को बहाल हुआ था,
लेकिन इस वर्ष बीआरओ ने पिछले साल से करीब 23 दिन पहले यह मार्ग खोल दिया है। लोग 2 दिन के भीतर अपने निजी वाहनों में भी आवागमन कर पाएंगे। दर्रा खुलने से घाटी में फंसे लोगों को बड़ी राहत मिली है।
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बीआरओ के 38 बीआरटीएफ के कमांडर कर्नल उमाशंकर ने बताया कि खराब मौसम, बर्फीली हवाओं और माइनस तापमान के बीच बीआरओ ने रोहतांग बहाली को अंजाम दिया है। उन्होंने बताया कि खराब मौसम और रोहतांग के आसपास बर्फ गिरने से बर्फीली हवाएं चल रही हैं। राहनीनाला, ब्यासनाला सहित कई स्थानों से बार-बार बर्फ हटानी पड़ रही है।उन्होंने ने कहा वाहनों की सुचारू आवाजाही के लिए सड़क के किनारे पासिंग स्थान और सड़क चौड़ा करने में कुछ और समय लगेगा। वहीं, कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय ने बीआरओ के दीपक परियोजना की ओर से दर्रा बहाली के लिए गए प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि रोहतांग दर्रे से 2 दिन के भीतर निजी वाहनों की आवाजाही शुरू की जाएगी।