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भारत में भी बनाई जाएगी रूस वाली Covid-19 वैक्सीन; डील के लिए बातचीत शुरू
नई दिल्ली। चीन के वुहान से उपजे कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है। विश्व के सभी देश जहां अभी इस महामारी का इलाज ढूंढने में जुटे हुए हैं। वहीं, रूस ने दुनिया भर को पीछे छोड़ते हुए कोरोना वायरस की वैक्सीन (Vaccine) तैयार करने का दावा किया है। इस दावे को लेकर कई तरह के सवाल जरूर उठाए जा रहे हैं, लेकिन कई भारतीय कंपनियां कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक वी (Sputnik v) में रूचि ले रही हैं। भारतीय कंपनियों ने रसियन डायरेक्टर इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) से वैक्सीन के फेज वन और फेज-टू के क्नीनिक्ल ट्रायल से जुड़ी जानकारियां उन्हें मुहैया कराने को कहा है।
जानें कहां तक पहुंची है बात
RDIF रूस की पूंजी मुहैया कराने वाली कंपनी है, जिसने कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी के रिसर्च और ट्रायल की फंडिंग की है। इसी कंपनी के पास ही इस वैक्सीन की मार्केटिंग और एक्सपोर्ट का अधिकार है। बता दें कि यह वैक्सीन दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन है, जो रजिस्टर्ड है। बताया जा रहा है कि अगर भारतीय कंपनियों की RDIF से बात आगे बढ़ती है तो भारत (India) में इस वैक्सीन का उत्पादन हो सकता है। इस वैक्सीन का इस्तेमाल निर्यात और घरेलू उपयोग के लिए किया जा सकता है। मास्को में भारतीय दूतावास के सूत्रों ने ये जानकारी रूसी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक को दी है। सूत्रों द्वारा जानकारी देते हुए इस बारे में बताया गया कि भारतीय कंपनिया वैक्सीन को लेकर RDIF से संपर्क में हैं और इन कंपनियों ने फेज-1 और फेज-2 के ट्रायल की तकनीकी जानकारी मांगी है। इस दौरान सरकार से जरूरी अनुमति मिलने के बाद तीसरे देश को वैक्सीन के निर्यात पर चर्चा हुई साथ ही घरेलू इस्तेमाल के लिए भी वैक्सीन के उत्पादन पर बात की गई।
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बिना भारत के संभव ही नहीं है वैक्सीन का उत्पादन
बता दें कि भारत विश्व में सबसे ज्यादा वैक्सीन मैन्युफैक्चर करता है। मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर किसी वैक्सिनेशन प्रोग्राम को पूरी दुनिया में चलाना है तो यह भारत के बिना संभव नहीं है। यह क्षमता भारत में ही है कि इतने बड़े स्तर पर वैक्सीन तैयार कर सके। मेडिकल फील्ड के लोगों का कहना है कि कोरोना पर पूरी तरह नियंत्रण तभी संभव हो पाएगा जब इसकी वैक्सीन पूरे विश्व के लिए उपलब्ध हो। जरूरत और आबादी के कारण भारत अमूमन 3 अरब वैक्सीन हर साल तैयार करता है। इसमें से वह 2 अरब वैक्सीन डोज हर साल निर्यात करता है। वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग में भारत कितना आगे हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है हर 3 में एक वैक्सीन मेड इन इंडिया होती है।