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संजौली मस्जिद मामला: कोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्ष की याचिका, तीन मंजिले तोड़ने के फैसले को रखा बरकरार
Sanjauli Mosque Case: शिमला के संजौली मस्जिद मामले (Sanjauli Mosque Case)में कोर्ट
का बड़ा फैसला आया है। जिला अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज (Muslim side’s petition dismissed) कर दिया है शनिवार को मस्जिद को लेकर सुनवाई हुई, जिसमें ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन की अपील को खारिज कर दिया है। ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन (All Himachal Muslim Organisation)ने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त की अदालत के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने के आदेश जारी किए गए थे। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज प्रवीण गर्ग ने नगर निगम कमिश्नर के फैसले को सही ठहराया। अब 20 दिसंबर तक मस्जिद की 3 मंजिलों को हटाना होगा। मस्जिद कमेटी अपने खर्चे पर तीनों मंजिल तुड़वाने का काम करेगी। हालांकि मस्जिद कमेटी अब तक छत और एक मंजिल की दीवारें हटा चुकी है।
मुस्लिम पक्ष कोर्ट के ऑर्डर देखने बाद आगे फैसला लेगा
अधिवक्ता जगत पाल ने कहा कि संजौली मस्जिद मामले (Sanjauli Mosque Case)में मुस्लिम संगठनों की याचिका पर अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में शनिवार को 4 बजे सुनवाई हुए। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी और मस्जिद के तीन मंजिलों को तोड़ने के फैसले को बरकरार रखा है और तीन मंजिले तोड़ने का 14 दिसंबर तक समय दिया गया है। उधर मुस्लिम पक्ष के एडवोकेट विश्व भूषण ने कहा कि अभी हम कोर्ट के ऑर्डर (Court orders)को देखेंगे। इसके बाद आगे का निर्णय लेंगे।
5 अक्टूबर को दिया था तीन मंजिले तोड़ने का आदेश
नगर निगम कमिश्नर (MC Commissioner) ने 5 अक्टूबर को संजौली मस्जिद की अवैध रूप से बनी 3 मंजिलों को तोड़ने के आदेश दिए थे। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में दलील दी थी कि मोहम्मद लतीफ नाम के व्यक्ति ने मस्जिद गिराने की सहमति दी है, वह इसके लिए अधिकृत नहीं था। इस पर कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से मोहम्मद लतीफ को लेकर जवाब मांगा। वक्फ बोर्ड ने पिछली सुनवाई में साल 2006 का एक दस्तावेज दिया, जिसमें मोहम्मद लतीफ को संजौली मस्जिद कमेटी का अध्यक्ष बनाने की बात कही गई थी।
संजू चौधरी