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Corona positive युवक के अंतिम संस्कार पर MC Shimla पर क्यों भड़की एसडीएम, पढ़ें
शिमला। मंडी के सरकाघाट निवासी कोरोना पॉजिटिव ( Corona positive) युवक का अंतिम संस्कार शिमला के कनलोग स्थित शमशान घाट में देर रात को किया गया। युवक की मंगलवार को आईजीएमसी( IGMC)में मौत हो गई थी। उसे डायलिसिस के लिए आईजीएमसी शिमला रेफर किया गया था। कनलोग शमशान घाट पर एम्बुलेंस के आने से पहले ही एसडीएम शहरी नीरज चांदला, तहसीलदार के साथ मौजूद रही। उनके अलावा आईजीएमसी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक भी मौजूद रहे। अंतिम संस्कार में नगर निगम की ओर से कोई कर्मी उपस्थित न होने के कारण एसडीएम ने नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि वे इस मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत करवाएगी। उन्होंने इस संबंध में नगर निगम को सूचित किया था लेकिन नगर निगम ने अंतिम संस्कार करवाने से मना कर दिया। इसी के चलते उन्हें खुद आना पड़ा।
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एसडीएम ने कहा जब किसी कोरोना पाजिटिव की मृत्यु होती है तो उसके साथ आने वालों को एहतियात बरतते हुए क्वारटाइन किया जाता है। ऐसे में वह शव अज्ञात हो जाता है। प्रोटोकॉल के अनुसार उस शव का अंतिम संस्कार नगर निगम को करना होता है। नगर निगम शिमला को पीपीई किट तक दी गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति के लिए उन्हें तैयार रहने के निर्देश भी दिये गए है, लेकिन ऐसे समय में निगम का ये गैरजिम्मेदाराना व्यवहार माना जाएगा। वे इस मामले की शिकायत करेगी। उन्होंने कहा कि अभी तो केवल एक ही मौत हुई है अगर ज्यादा मामले होते तो क्या होता। मृतक का अंतिम संस्कार करवाने जिला प्रशासन ने एक पंडित को भी बुलाया था। जिसने विधि-विधान से अंतिम संस्कार संपन्न करवाया। इस से पहले आईजीएमसी प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरतते हुए डेड बॉडी को बॉडी कवर से पूरी तरह ढक रखा था। जो लोग एम्बुलेंस में डेड बॉडी को शमशानघाट लेकर गए, उन्होंने पीपीई किट पहन रखी थी।
मंगलवार को युवक को सरकाघाट से आईजीएमसी लाया गया था, जहां शाम के वक़्त मरीज ने दम तोड़ दिया। युवक के साथ उसके ताया शिमला आये थे, जिन्हें अस्पताल प्रशासन ने फिलहाल क्वारंटाइन किया है। साथ ही युवक का इलाज कर रही 15 सदस्यीय टीम को भी क्वारंटाइन कर दिया गया है। इसके बाद इन लोगों के कोरोना के टेस्ट के लिए सैंपल भी लिए जाएंगे।