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शिमला पहुंचे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने किया राममंदिर कार्यक्रम का बहिष्कार, ये है वजह
Shankaracharya Avimukteshwaranand Saraswati: ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती गो हत्या को रोकने और गो माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए शिमला( Shimla) पहुंचे हैं। वे शिमला के श्रीराम मंदिर ( Shri Ram Mandir) में गो ध्वज की स्थापना के लिए आए थे लेकिन वहां पर साईं की मूर्ति होने की वजह से वे मंदिर नहीं गए और कार्यक्रम का बहिष्कार (Boycott the Program) कर दिया और राममंदिर गए बिना ही वापिस लौट गए है । शंकराचार्य सुबह सबसे पहले शिमला के प्राचीन मंदिर जाखू पहुंचे। यहां उन्होंने गो ध्वज की स्थापना की और इसी दौरान उन्हें राम मंदिर में साईं की प्रतिमा ना हटाने की जानकारी मिली। जिसके बाद उनके स्टाफ ने जाखू मंदिर से ही एक संदेश दिया है । जिसमें उन्होंने कहा है किं मंदिर साईं की मूर्ति होने की वजह से शंकराचार्य राम मंदिर नहीं गए, उन्होंने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। इस दौरान उनके साथ शिमला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान भी थे।
मूर्ति को हटाने के लिए पहले दिया था पत्र
शंकराचार्य के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शैलेंद्र योगिराज सरकार ने जानकारी दी कि उन्होंने पहले ही राम मंदिर से साईं की मूर्ति हटाने को कहा था, लेकिन नहीं हटाई गई। ऐसे में शंकराचार्य ने जाखू मंदिर से ही गो ध्वज फहराया और वहीं से वापस देहरादून लौट गए है। उनके मीडिया प्रभारी ने कहा कि हिंदू धर्म मे पहले ही 33 करोड़ देवी देवता है। ऐसे में किसी अन्य धर्म के व्यक्ति की मूर्ति (प्रतिमा) का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य देशभर में जहां भी मन्दिर में साईं की मूर्ति वहां पूजा नहीं करते है इसलिए उन्होंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। बताया जा रहा है कि शंकराचार्य बुधवार रात को शिमला पहुंचे थे और शिमला के न्यू शिमला में अपने किसी अनुयायी के घर रुके थे।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद गो माता को पशु की श्रेणी से हटाकर राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन (Nationwide movement) शुरू किया है। 22 सितंबर को अयोध्या में श्री राम मंदिर में गो ध्वज स्थापना और जयघोष के साथ यह यात्रा शुरू हुई है। इसमें 33 राज्यों की राजधानी में गो ध्वज फहराया जा रहा है। 25 हजार 600 किलोमीटर की यात्रा 27 अक्तूबर को वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में गो ध्वज फहराने के साथ समाप्त होगी।
संजू चौधरी