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शारदीय नवरात्र शुरूः मां के जयकारों से गूंजे शक्तिपीठ, सुबह दर्शनों के लिए उमड़ी भीड़
शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) आज से शुरू हो गए। हिमाचल प्रदेश के सभी शक्तिपीठों में भक्त सुबह ही दर्शनों के लिए पहुंच गए थे। मां चिंतपूर्णी , नैना देवी,ज्वाला जी, मां चामुंडा , माता बज्रेश्वरी मंदिरों के कपाट खुलते ही दूर- दूर से पहुंचे भक्त मां का आशीर्वाद ले रहे हैं। सभी मंदिरों की फूलों से भव्य सजावट की गई है। सभी मंदिरों ( Temples) में लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं और मां से आशीर्वाद लेकर अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं।
पर्ची सिस्टम से ही होंगे चिंतपूर्णी में दर्शन
छिन्नमस्तिका के धाम चिंतपूर्णी (Chintpurni) में शारदीय नवरात्र मेलों का विधिवत शुभारंभ किया गया। मंदिर की रंग बिरंगे फूलों से साज सज्जा की गई है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेहतर प्रबंधों का दावा किया है। मेला के दौरान मंदिर परिसर क्षेत्र में नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों (CCTV Cameras) से जिला प्रशासन पूरी निगरानी रख रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे मेला क्षेत्र को छावनी में तबदील किया गया है और मुख्य जगहों पर पुलिस बैरियर( Police Barrier) स्थापित कर दिए गए हैं। नवरात्र मेले के दौरान श्रद्धालुओं को मां के दर्शन पर्ची सिस्टम से ही होंगे। मां के मंदिर में नारियल चढ़ाने पर रोक रहेगी। प्रशासन ने यह निर्णय भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है। वहीं मेला क्षेत्र को चार सेक्टरों में बांटा गया है और प्रत्येक सेक्टर में मेला मैजिस्ट्रेट और मेला पुलिस अधिकारी तैनात किये गए है। चिंतपूर्णी मंदिर अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए है। पुजारी संदीप कालिया ने कहा कि नवरात्रों में नौ देवियों की पूजा की जाती है।
सुबह 4 बजे खुले मां नैना देवा मंदिर के कपाट
नैना देवी मंदिर (Naina Devi Temple) में हिमाचल के अलावा पंजाब ,हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार और अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचना शुरू हो गए हैं। आज प्रथम नवरात्र के उपलक्ष्य पर माता श्री शैलपुत्री की पूजा की जा रही है। मंदिर न्यास जिला प्रशासन में श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु व्यापक बंदोबस्त भी किए हैं, मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे खोल दिए गए थे और सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया । प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां डाली जा रही है। डीएसपी विक्रांत ने बताया कि मेला के दौरान लगभग 350 पुलिसकर्मी एवं होमगार्ड के जवान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मेला के दौरान ट्रक, टेंपो और ट्रैक्टर पंजाब सीमा से आगे हिमाचल सीमा में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। यात्रियों को छोटी गाड़ी या बसों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश की सीमा कोला बाला टोबा से मंदिर तक आना पड़ेगा। पुलिस और प्रशासन मेला के दौरान व्यवस्था कायम करने के लिए कृत संकल्प है ताकि श्रद्धालु दर्शन कर सकें।