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ग्रेच्युटी की बकाया राशि जारी ना करने पर शिक्षा सचिव को कारण बताओ नोटिस
Himachal High Court: शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट (High Court) ने संशोधित वेतनमान के अनुसार ग्रेच्युटी की बकाया राशि जारी ना करने पर शिक्षा सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस मामले में पहले हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक (Director of Higher Education) को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने शिक्षा सचिव को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों ना उनके खिलाफ अदालती आदेशों की अवमानना का मुकदमा चलाया जाए। मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना करने का दायित्व अकेले उच्च शिक्षा निदेशक पर ही नहीं, बल्कि शिक्षा सचिव (Education Secretary) पर भी है। इस पर कोर्ट ने शिक्षा सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
ग्रेच्युटी जारी करने के आदेश दिए थे कोर्ट ने
कोर्ट ने प्रार्थियों को संशोधित वेतनमान के आधार पर ग्रेच्युटी (Gratuity based on revised pay scale)जारी करने के आदेश दिए थे। 4 जनवरी, 2024 को साफतौर पर हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक की उपस्थिति में आदेश जारी किए थे कि 15 मार्च तक प्रार्थियों के सेवानिवृत्ति लाभ जारी कर दिए जाए। इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने याचिकाकर्ता गजराज ठाकुर और अन्य प्रार्थियों को संशोधित वेतनमान के आधार पर संशोधित ग्रेच्युटी की बकाया राशि जारी नहीं की। कोर्ट ने कहा कि 31 दिसंबर, 2020 और 31 जनवरी, 2017 को सेवानिवृत्त होने वाले प्रार्थियों को कोर्ट के स्पष्ट आदेशों के बावजूद संशोधित ग्रेच्युटी की बकाया राशि जारी नहीं की गई।
29 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने 15 मार्च को अपने 4 जनवरी के आदेशों की अनुपालना 20 मार्च तक करने के आदेश दिए। 20 मार्च को शिक्षा विभाग ने कोर्ट से अगले वित्तीय वर्ष में प्रार्थियों की बकाया राशि चुकाने की मोहलत मांगी जिसे कोर्ट ने अस्वीकार करते हुए आदेश दिए थे कि यदि प्रार्थियों की संशोधित ग्रेच्युटी (Revised Gratuity)की बकाया राशि 18 अप्रैल तक जारी न हुई तो वह स्वयं कोर्ट में उपस्थित रह कर अपना स्पष्टीकरण दे। सोमवार को मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में उच्च शिक्षा निदेशक उपस्थित हुए। कोर्ट ने प्रार्थियों की बकाया राशि जारी न करने को प्रथम दृष्टया अपने आदेशों की अवहेलना का मामला पाया। अत: अपने स्पष्ट आदेशों के बावजूद प्रार्थियों को बकाया राशि जारी ना करने पर कोर्ट ने शिक्षा सचिव के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया। मामले पर सुनवाई 29 अप्रैल को निर्धारित की गई है।