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Skill development allowance : शिमला। कौशल विकास भत्ता को लेकर विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। विपक्ष द्वारा इस मुद्दे पर सवालों की लंबी सूची के बीच उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कौशल विकास भत्ते की अदायगी में ठगी की रत्तीभर भी गुंजाइश नहीं है। उनका कहना था कि सरकार अभी तक 124 करोड़ रुपए कौशल विकास भत्ते के रूप में दे चुकी है और इसका भुगतान सीधे लाभार्थियों के खाते में किया गया है।
प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी सदस्य हंस राज, महेंद्र सिंह और बिक्रम जरियाल के संयुक्त प्रश्न के उत्तर में अग्निहोत्री ने इस संबंध में पूछे गए सवाल को अव्यवहारिक करार दिया और कहा कि इस सवाल का जवाब ही संभव नहीं है।उन्होंने कहा कि यदि इस सवाल की सूचना जुटाने के लिए पूरे विभाग को भी काम पर लगा दिया जाए तो छह माह में भी इस सवाल की पूरी सूचना नहीं दी जा सकती। उनका कहना था कि जो संस्थान इस योजना के तहत प्रशिक्षण देने के लिए योग्य नहीं पाए गए हैं, उन्हें पहले ही जिलाधीशों द्वारा जांच के बाद बंद कर दिया गया है। इस दौरान सदन में दोनों तरफ नोक-झोंक होती रही।
इसी मुद्दे पर बीजेपी सदस्य रविंद्र रवि और विपक्ष के नेता प्रेमकुमार धूमल ने भी अनुपूरक प्रश्न पूछे और कहा कि बहुत से मामलों में पूरा कौशल विकास भत्ता बेरोजगार को नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कई संस्थान ऐसे हैं, जहां प्रशिक्षण तो दिया जा रहा है, लेकिन वे इसके योग्य नहीं है। इसी मुद्दे पर महेंद्र सिंह ने एसआईटी की जांच की मांग भी की। इस पर उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य में कौशल विकास भत्ता के तहत अब तक 1.55 लाख युवाओं को भत्ता मिला है और जहां तक कम भत्ता मिलने की बात है, यह विपतक्षी सदस्यों का वहम है। उनका कहना था कि भत्ता लाभार्थियों के खाते में जाता है और इसमें ठगी की रत्तीभर भी गुंजाइश नहीं है।
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