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स्वतंत्रता दिवस के दिन भी नहीं बख्शा: Congress चीफ सोनिया ने बोला केंद्र पर बड़ा हमला; जानें क्या कहा…
नई दिल्ली। देश आज अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस (Independence day) मना रहा है। इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने भी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। अपनी इन शुभकामनाओं के साथ ही उन्होंने आज के दिन भी मोदी सरकार पर निशाना साधने का मौका अपने हाथ से नहीं जाने दिया। सोनिया ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्था, संविधान मूल्यों और स्थापित परंपराओं के विपरीत खड़ी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया ने आगे कहा कि हमारे भारतवर्ष की ख्याति विश्व भर में ना सिर्फ प्रजातांत्रिक मूल्यों और विभिन्न भाषा, धर्म, संप्रदाय के बहुलतावाद की वजह से है, बल्कि भारत प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना एकजुटता के साथ करने के लिए भी जाना जाता है।
भारतीय लोकतंत्र के लिए परीक्षा की घड़ी
कांग्रेस की धरोहर, देश की धरोहर। pic.twitter.com/YSy9z0ClzQ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 15, 2020
उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘आज जब समूचा विश्व कोरोना महामारी की महाविभीषिका से जूझ रहा है, तब भारत को एकजुट होकर इस महामारी को परास्त करने के प्रतिमान स्थापित करने होंगे। मैं पूरे आत्मविश्वास से कह सकती हूं कि हम सब मिलकर इस महामारी और गंभीर आर्थिक संकट की दशा से बाहर आ जाएंगे।’ सोनिया ने कहा हमने बीते 74 वर्षों की स्वाधीनता में अपने प्रजातांत्रिक मूल्यों को समय-समय पर परीक्षा की कसौटी पर परखा है और उसे निरंतर परिपक्व किया है। आज ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्था, संविधान मूल्यों और स्थापित परंपराओं के विपरीत खड़ी है। भारतीय लोकतंत्र के लिए भी ये परीक्षा की घड़ी है।
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चीन से झड़प में शहीद हुए जवानों को भी किया याद
सोनिया ने अपने संबोधन में चीन और भारतीय सेना के बीच हुए टकराव का जिक्र करते हुए कहा कि कर्नल संतोष बाबू और हमारे 20 जवानों की गलवान घाटी में वीरगति को भी साठ दिन बीत चुके हैं। मैं उनको भी याद कर उनकी वीरता को नमन करती हूं और सरकार से आग्रह करती हूं की उनकी वीरता का स्मरण करे और उचित सम्मान दे। भारत मां की सरजमी की रक्षा और चीनी घुसपैठ को विफल करना उन्हें सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने आगे कहा कि आज हर देशवासी को अंतरात्मा में झांककर यह सोचने की आवश्यकता है कि आजादी के क्या मायने हैं? क्या आज देश में लिखने, बोलने, सवाल पूछने, असहमत होने, विचार रखने, जवाबदेही मांगने की आजादी है? एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते ये हमारा उत्तरदायित्व है कि हम भारत की प्रजातांत्रिक स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाए रखने का हरसंभव प्रयत्न और संघर्ष करें।