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सोनिया गांधी ने PM मोदी को लिखा पत्र: पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों का फैसला असंवेदनशील, सरकार वापस ले
नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को चिट्ठी लिखी। अपने इस पत्र में सोनिया गांधी ने लिखा कि कोरोना वायरस संकट से जूझ रहे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने का सरकार का फैसला बिल्कुल असंवेदनशील है। उन्होंने बढ़ी कीमतों का फैसला वापस लेने की अपील की। सोनिया गांधी ने लिखा कि संकट के वक्त में भी आपकी सरकार लगातार दाम बढ़ा रही है और इससे सैकड़ों करोड़ रुपए कमा चुकी है। सोनिया की मांग है कि सरकार तुरंत बढ़े हुए दाम वापस ले।
कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर तुरंत ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को कम करने और कच्चे तेल की कम कीमतों का लाभ नागरिकों को देने का आग्रह किया है।#ModiStopLootingIndia pic.twitter.com/yfZQStPEe4
— Congress (@INCIndia) June 16, 2020
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सोनिया गांधी ने अपने इस पत्र में 8 महत्वपूर्व बिंदुओं का जिक्र किया, जो निम्न हैं-
- जब पीएम देश के लोगों के आत्मनिर्भर होने की उम्मीद करते हैं तो ऐसे संकट के समय लोगों पर वित्तीय बोझ डालना उचित नहीं है।
- मौजूदा कोविड-19 (Covid-19) महामारी के खिलाफ लड़ाई के दौरान भारत को स्वास्थ्य संबंधी, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
- मुझे इस बात की पीड़ा है कि ऐसे मुश्किल समय में सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने का असंवेदनशील निर्णय लिया।’
- ऐसे समय सरकार के इस फैसले का कोई औचित्य समझ नहीं आता जब देश के करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गई हैं, उनके सामने जीविका का संकट खड़ा है, छोटे, मध्यम एवं बड़े कारोबार बंद हो रहे हैं और किसानों को भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
- पिछले कुछ दिनों के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में करीब नौ फीसदी की कमी आई, लेकिन सरकार मुश्किल के समय लोगों को इसका लाभ देने के लिए कुछ नहीं कर रही है।
- मैं आपसे आग्रह करती हूं कि बढ़ोत्तरी को वापस लिया जाए और कच्चे तेल की कम कीमत का लाभ सीधे देश के नागरिकों को दिया जाए।
- अगर आप लोगों के आत्मनिर्भर होने की उम्मीद करते हैं तो आगे बढ़ने के उनके रास्ते में वित्तीय अवरोध मत खड़ा करिए।
- मैं फिर से कह रही हूं कि जो लोग मुश्किल का सामना कर रहे हैं उनके हाथों में सीधे पैसे दीजिए।’