-
Advertisement
वेटर का काम करने वाला यूं बना IAS ऑफिसर, पिता चलाते थे ऑटो, मां करती थी मजदूरी
किसी ने सच ही कहा है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। सफलता पाने के लिए इंसान को कड़ी मेहनत करनी ही पड़ती है। ऐसी ही कड़ी मेहनत की मिसाल पेश की है आईएएस ऑफिसर अंसार शेख (IAS Officer Ansar Shaikh) ने। आईएएस अंसार शेख के हालात इतने खराब थे कि उन्हें अपनी पढ़ाई की फीस जमा करने के लिए वेटर का काम करना पड़ता था। अंसार में पढ़ने का जुनून इस कदर था कि घर में गरीबी के हालात होने के बावजूद उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा की तैयारी की और आईएएस ऑफिसर बन गए।
यह भी पढ़ें:इस लेडी ऑफिसर ने IPS बनने के बाद फिर से दी UPSC परीक्षा, हुआ कुछ ऐसा
जानकारी के अनुसार, अंसार के घर में कुल 6 लोग हैं। उनके पिता अहमद शेख ऑटो रिक्शा चलाते थे और उनकी मां अजामत शेख खेतों में लैंड लेबर (Land Labour) का काम किया करती थी। इसके अलावा उनकी दो बहनें और एक भाई भी है। घर के हालात ठीक ना होने के चलते एक बार अंसार के पिता उनके स्कूल पहुंच गए, तब अंसार चौथी कक्षा में थे। उनके पिता अंसार की पढ़ाई छुड़वाने के लिए स्कूल पहुंचे थे, लेकिन अंसार के टीचर ने ऐसा नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि अंसार बहुत होशियार है और एक दिन ये आप सबको गरीबी से बाहर निकालेगा।
वेटर का किया काम
जब अंसार शेख दसवीं कक्षा में थे, तब उन्होंने कंप्यूटर सीखने का मन बनाया, लेकिन जहां वे कंप्यूटर सीखना चाहते थे वहां की फीस करीब 2800 रुपए थे और तब अंसार के पास इतने पैसे नहीं थे। हालांकि, अंसार ने हार नहीं मानी और कोचिंग लेने के लिए एक होटल में वेटर का काम करना शुरू कर दिया, जहां से उन्हें हर महीने तीन हजार रुपए मिलते थे। अंसार सुबह आठ बजे से लेकर 11 बजे तक होटल में काम किया करते थे। इसी बीच दब उन्हें दो घंटे की ब्रेक मिलती तो वे अपनी क्लास अटेंड करने जाया करते थे।
ऑफिसर बनने की ठानी
अंसार बताते हैं कि एक बार उनके पिता बीपीएल कैटेगरी को मिलने वाली एक योजना का लाभ लेने सरकारी दफ्तर पहुंचे तो वहां बैठे एक कर्मचारी ने अंसार के पिता से रिश्वत मांगी, जो कि उनके पिता ने दे भी दी। अंसार बताते हैं कि उन्हें ये बात बहुत खटकी और उन्होंने सोचा की करप्शन का शिकार सबसे ज्यादा हम जैसे गरीब लोग ही बनते हैं। इसके बाद अंसार ने ऑफिसर बनने की ठानी ताकि वे ये सब खत्म कर सके।
इसके बाद जब वे 12वीं कक्षा पास कर कॉलेज पहुंचे तो वहां उनके एक टीचर जो खुद एमपीएससी की तैयारी कर रहे थे, उन्होंने अंसार को यूपीएससी के बारे में भी बताया। यूपीएससी की जानकारी मिलने के बाद अंसार ने यह ठान लिया कि वे इस परीक्षा को पास करके दिखाएंगे।
शुरू की यूपीएससी की पढ़ाई
अंसार के लिये यूपीएससी (UPSC) का सफर आसान नहीं था। दरअसल, उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। जिसके चलते अंसार ने कॉलेज के पहले साल की छुट्टियों में पार्ट टाइम काम किया और वे यूपीएससी की तैयारी पर उतना ध्यान नहीं दे पाए। इसके बाद कॉलेज के आखिरी दो साल में उन्होंने कोई काम नहीं किया और पूरी मेहनत से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की। हालांकि, पैसों की जरूरत पड़ने पर उनके छोटे भाई उन्हें पैसे भेजते थे, जिन्होंने कक्षा 5वीं में ही पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी थी।
पहले अटेंप्ट में क्रैक की परीक्षा
अंसार ने साल 2015 में अपने पहले अटेंप्ट में ही परीक्षा पास कर ली और ऑल इंडिया में 361वां रैंक हासिल किया। परीक्षा में पास होने के बाद अंसार के पास अपने दोस्तों को पार्टी देने तक के पैसे नहीं थे, जिसके चलते उनके दोस्तों ने ही उन्हें पास होने की खुशी में पार्टी दी थी।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group