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चंबा मेडिकल कॉलेज में पहली बार हुई पेल्विक एसिटाबुलम की सफल सर्जरी
Last Updated on January 4, 2024 by sintu kumar
सुभाष महाजन/चंबा। जिला चंबा (Chamba) में पहली बार एक मरीज की पेल्विक एसिटाबुलम सर्जरी (Surgery) की गई है। ये करिश्मा चम्बा के पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने कर दिखाया है। पेल्विक एसिटाबुलम सर्जरी की जरूरत कूल्हे के ऊपर की हड्डी टूटने या खिसकने पर पड़ती है। यह सर्जरी प्रदेश के अन्य बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में भी चार या पांच साल पहले शुरू हुई है। यह सर्जरी चम्बा में होना किसी सपने से कम नहीं है।
मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग के विशेषज्ञों ने इसमें सफलता पाई है। निजी अस्पताल (Private Hospital) में इस ऑपरेशन पर मरीज के 3.50 लाख रुपये खर्च होने थे, लेकिन मेडिकल कॉलेज में यह 20 हजार में हो गया। दुर्घटना में घायल (Injured In A Accident) मरीज को मंगलवार को मेडिकल कॉलेज लाया गया था। मरीज निर्धन परिवार से संबंध रखता था जिस कारण मरीज निजी अस्पताल में इलाज करवाने में असमर्थ था।
इन डॉक्टरों ने की सर्जरी
हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. माणिक सहगल के पास गया तो उन्होंने सर्जरी करने के लिए हामी भरी। मरीज की सर्जरी के दौरान हड्डी रोग विभाग से चीफ एवं चीफ ऑपरेटिंग सर्जन डॉ. माणिक सहगल, असिस्टेंट सर्जन डॉ. गुरजंत सिंह संधु, सीनियर रेजिडेंट डॉ. अनुज, डॉ. निखिलेश, डॉ. तुनिका, ओटीए रमेश, स्टाफ नर्स सुनीता, चतुर्थ श्रेणी कर्मी मयंक व विनोद, एनेस्कोसिया विभाग से डॉ. सलोनी एचओडी, डॉ. विपिन, डॉ. रविंद्र कौर, डॉ. विवेक, डॉ. नितिक्षा, डॉ. मनिंद्र, डॉ. लतेश, डॉ. नंदनी, ऑर्थों विभाग से डॉ. सुभाष और डॉ. लक्की वर्मा भी मौजूद रहे। ऑपरेशन करीब दो घंटे तक चला। अब मरीज को दो महीने तक निगरानी में रखा जाएगा।
सी प्लेट भी एचओडी ने खुद बनाई
हड्डी विभागाध्यक्ष डॉ. माणिक सहगल ने ऑपरेशन करने के लिए इस्तेमाल होने वाली सी प्लेट (C-Plate) का निर्माण बोन मॉडल की प्लेटों से स्वयं किया। इसके चलते मरीज को प्लेट पर हजारों रुपये खर्च नहीं करने पड़े। उन्होने बताया कि चम्बा में यह सर्जरी पहली बार हुई है। इसे सफल बनाने में प्राचार्य डॉ. एसएस डोगरा और मेडिसन विभाग के अध्यक्ष डॉ. पंकज का सहयोग रहा।
प्राचार्य ने दी बधाई
प्राचार्य डॉ. एसएस डोगरा ने बताया कि चिकित्सकों ने चम्बा में पहली बार यह सर्जरी की है। इसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र है। अन्य विभागों के चिकित्सक भी अस्पताल में अच्छा कार्य कर रहे हैं। ऑपरेशन सफल रहने की बधाई दी। मरीज कुछ माह बाद बिलकुल ठीक हो जाएगा। दो महीने तक विशेषज्ञ उसे अपनी निगरानी में रखेंगे।
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