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सुख की सरकार: 365 दिन सहन भी बहुत किया, सहनशीलता से काम किया
संजू/ शिमला। सुख की सरकार के 365 दिन (365 Days of Sukh Government) पूरे होने को अब चंद घंटे बाकी हैं। इन 365 दिनों की तरफ मुड़कर देखा जाए तो सुख की सरकार ने बहुत कुछ सहन किया है, सहनशीलता के साथ काम किया। बात कर रहे हैं उस आपदा की जो कुदरत ने ढाई, जिसने कुल्लू घाटी से लेकर लाहुल-स्पीति, शिमला, मंडी, सोलन व सिरमौर जिलों में जमकर तबाही मचाई। खासतौर पर 10 जुलाई के बाद कुल्लू व मंडी तथा 14 अगस्त को शिमला में हुई तबाही को लोग भुला नहीं पाएंगे। लेकिन सुख की सरकार ने आगे आकर वो सब किया जो अपने दम पर किया जा सकता था।
सीएम सुक्खू आपदा के दौरान लोगों के बीच रहे
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) आपदा के दौरान लोगों के बीच रहे। वह ना सिर्फ कुल्लू व मंडी बल्कि चंद्रताल ऑपरेशन में भी घर के मुखिया की तरह मोर्चे पर डटे रहे। इस बात से हिमाचल का बच्चा-बच्चा वाकिफ है कि ये पहाडी प्रदेश आर्थिक तौर पर कमजोर है। आपदा (Disaster) से प्रदेश में हजारों करोड़ का नुकसान हुआ। सुख की सरकार ने केंद्र से आर्थिक मदद के लिए 12000 करोड़ की मदद का प्रस्ताव भेजा। बेशक केंद्र से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व कई अन्य मदों में प्रदेश को मदद मिली मगर अभी क्लेम की रकम मिलना बाकी।
अपने दम पर विशेष आपदा राहत पैकेज घोषित किया
केंद्र से मदद मिलने में देरी होता देख सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने दम पर ही प्रदेश का विशेष आपदा राहत पैकेज (Special Disaster Relief Package) घोषित कर दिया। आपदा राहत पैकेज के तहत मिलने वाली मदद की राशि को कई गुणा बढ़ा कर सीएम सुक्खू ने पीड़ितों की मदद की हर संभव कोशिश की। कहने का मतलब ये है कि इन बीत रहे 365 दिनों में सुख की सरकार ने भी सहन बहुत किया, लेकिन कदमों को डगमगाने नहीं दिया।