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सुक्खू सरकार ला रही है नई होम स्टे नीति, लगेगा सेस
शिमला। भीड़भाड़ वाले होटलों से छिटक रहे वे लोग जो हिमाचल (Himachal Pradesh) आकर लंबे समय तक रुकना चाहते हैं, अक्सर होम स्टे (Homestay) का चुनाव करते हैं। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने होम स्टे में कमरों की संख्या पहले 4 से बढ़ाकर 6 की और अब राजस्व बढ़ाने के लिए सेस (Cess) लगाने पर विचार कर रही है। तर्क यह दिया जा रहा है कि होम स्टे पर्यटकों को लंबे समय के लिए ठहरने की सुविधा देकर बिजली और पानी जैसे संसाधन उपलब्ध कराते हैं। ऐसे में सरकार नई होम स्टे नीति लाने जा रही है, जिसमें होम स्टे पर नाममात्र का सेस लगेगा।
माना जा रहा है कि सुक्खू सरकार जल्दी ही नई होम स्टे नीति लेकर आएगी। इसमें राज्य के 3500 से ज्यादा होम स्टे के संचालन संबंधी नियमों को बदलकर उन्हें पर्यटन अनुकूल बनाने पर विचार हो रहा है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने विभागीय समीक्षा बैठक में सभी पहलुओं को दृष्टिगत रखते हुए अधिकारियों के साथ गहन मंथन किया है।
पर्यटकों को लुभा रहे हैं ग्रामीण होम स्टे
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में बने होम स्टे पर्यटकों को बहुत अधिक पसंद आ रहे हैं। शिमला शहर के आसपास होम स्टे में आज भी बड़ी संख्या में लोग लंबे समय के लिए ठहरे मिलते हैं। होम स्टे संचालित करने वालों से सरकार किसी प्रकार का शुल्क नहीं लेती है। इसके उलट होम स्टे को बढ़ावा देते हुए घरेलू दरों पर बिजली-पानी की सुविधा प्रदान की गई है। होम स्टे घरेलू दरों पर बिजली और पानी का उपयोग करते हैं। होम स्टे का पंजीकरण करवाने के लिए 100 रुपये और नवीकरण करवाने के लिए 50 रुपये शुल्क लगता है।
2008 में आई थी होम स्टे नीति
प्रदेश में वर्ष 2008 में होम स्टे नीति (Homestay Policy) आई थी। सुक्खू सरकार की नई होम स्टे नीति के लिए दो बैठकें हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने अपने पहले बजट में होम स्टे के तहत चार कमरों की संख्या को बढ़ाकर छह कर दिया था। नई होम स्टे नीति को अधिक सुविधाजनक तरीके से संचालित करने के योग्य बनाया जाएगा। कुछ नए पहलू भी जोड़े जा सकते हैं, जोकि होम स्टे संचालकों के लिए लाभप्रद हो।