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बड़ा फैसला: हिमाचल में आम सहित 6 प्रजातियों के पेड़ों की कटाई पर रोक
शिमला। हिमाचल सरकार ने राज्य में आम सहित 6 अन्य प्रजातियों (6 Species of Trees Including Mango) के पेड़ों के काटने पर तुरंत प्रभाव से रोक (Banned) लगा दी है। यह कदम इमारती और ईंधन की लकड़ी की चोरी (Timber Smuggling) को रोकने के लिए उठाया गया है।
इस फैसले की जानकारी देते हुए सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को बताया कि आम के साथ त्रियांबल (फिकस प्रजाति), तुनी (तूना सिलियाटा), पदम या पाजा (प्रूनस सेरासस), रीठा (सैपिंडस मुकोरोसी) और बान (क्वेरकस ल्यूकोट्राइकोफोरा) के पेड़ों को काटने पर तुरंत रोक लगा दी गई है। इन 6 प्रजातियों को वन विभाग के 10-वर्षीय कटाई कार्यक्रम के तहत लाया गया है। उन्होंने कहा कि अब इन पेड़ों को केवल वन विभाग की अनुमति से ही काटा जा सकता है। हालांकि, नए नियम के तहत घरेलू कार्यों के लिए एक वर्ष में अधिकतम पांच पेड़ों को काटने की अनुमति रहेगी।
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राज्य से बाहर नहीं ले जा पाएंगे लकड़ियां
सीएम ने कहा कि राज्य के बाहर किसी भी प्रजाति की इमारती लकड़ी और ईंधन की लकड़ी को ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसका उद्देश्य हिमाचल प्रदेश से लकड़ी की तस्करी पर अंकुश लगाना और राज्य के मूल्यवान संसाधनों को बचाना है। सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार के इस निर्णय से वनों की अवैध कटाई पर रोक लगेगी और राज्य की जैव विविधता (Biodiversity) को बचाने में मदद मिलेगी।
पेड़ों की 13 प्रजातियां अधिसूचित
वन विभाग ने 13 पेड़ प्रजातियों की एक संशोधित सूची अधिसूचित कर दी है। इन्हें वन परिक्षेत्राधिकारी को पहले सूचित कर काटा जा सकता है। बाकी अन्य सभी प्रजातियों के पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग की अनुमति अनिवार्य होगी। इस कदम से न केवल स्वदेशी प्रजातियों का संरक्षण होगा, बल्कि वन्य जीव संरक्षण में भी मदद मिलेगी।