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हिमाचल कांग्रेस के असल बॉस बने सुक्खू, कैबिनेट और CPS में सीएम समर्थकों का बोलबाला
Last Updated on January 8, 2023 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल में आखिरकार एक माह बाद सुक्खू सरकार को कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) मिल ही गए। अपनी मर्जी के मंत्री बनाकर सीएम सुक्खू (CM Sukhu) ने एक बार फिर यह जता दिया कि वही हिमाचल कांग्रेस के असल में बॉस हैं। सुक्खू ने शिमला के दो खासमखास लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दे दी। हालांकि अंदरखाते यह बात सामने आ रही थी कि रोहित ठाकुर और अनिरुद्ध सिंह को मंत्री बनाए जाने का विरोध हो रहा था, लेकिन सीएम सुक्खू ने किसी की परवाह किए बगैर अपने दोनों खासमखास (CM Supporters) को मंत्रिमंडल में जगह दी। बताया जा रहा है कि सीएम सुक्खू के सीएम बनने में इन दोनों का अहम रोल रहा है। यही नहीं सीपीएस (CPS) बनने वालों में भी ज्यादातर सीएम सुक्खू के ही समर्थक हैं। सीएम सुक्खू ने रोहड़ू से एमएल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुलेट, सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की से संजय अवस्थी, दून से राम कुमार और बैजनाथ से किशोरी लाल 6 सीपीएस बनाए हैं। इनमें भी उनके ही समर्थकों का बोलबाला है। खासकर संजय अवस्थी, राम कुमार और किशोरी लाल उनके बेहद करीबी हैं।
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कांगड़ा को एक मंत्री से होना पड़ा संतुष्ट
वहीं प्रदेश की सुक्खू सरकार में कांगड़ा (Kangra) किला यानी जिला कांगड़ा को एक ही मंत्री से संतुष्ट किया। जबकि इस जिले की 15 में से 10 सीटें सत्तापक्ष के पास हैं। ज्वाली विधानसभा क्षेत्र से विधायक एवं पूर्व मंत्री चंद्र कुमार को मंत्री बनाया गया। इस परिवार से तत्कालीन वीरभद्र सरकार में नीरज भारती यानी चंद्र कुमार के बेटे को सीपीएस बनाया गया था। कुल्लू जिले की बात करें तो सीएम सुक्खू ने कुल्लू सीट से लगातार दो बार चुनाव जीतने वाले सुंदर सिंह ठाकुर को सीपीएस से ही संतुष्ट करवा दिया।
सुंदर सिंह ठाकुर को मंत्री बनाने की चल रही थी चर्चा
हालांकि बीती रात तक चर्चाएं थी कि सुंदर सिंह ठाकुर (Sundar Singh Thakur) मंत्री बन रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं हुआ। होलीलॉज यानी पूर्व सीएम स्व. वीरभद्र सिंह परिवार की सियासत पर गौर करें तो यहां भी रियासत की सियासत बरकरार रहा और विक्रमादित्य सिंह को मंत्री बनाया गया। आरक्षण कोटे की बात करें तो एसटी से किन्नौर के जगत सिंह नेगी और एससी से धनीराम शांडिल को कुर्सी मिल गई। हालांकि एसटी फैक्टर से लाहुल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर भी मंत्री की दौड़ में थेए मगर किन्नौर से लगातार तीन बार और कुल मिलाकर पांच बार के विधायक जगत सिंह नेगी पर कांग्रेस हाईकमान ने भरोसा जताया। सिरमौर जिला से हर्षवर्धन चौहान को मंत्री पद मिला। पूर्व में भी वह मंत्री रह चुके हैं।
मंडी जिला की लाज बचाने वाले चंद्रशेखर आउट
इस बार के विधानसभ चुनावों में जिला मंडी की 10 में से कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली। पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के बेटे को पराजित करने वाले चंद्रशेखर ने पार्टी की लाज तो बचाई, लेकिन सरकार में उन्हें कोई ओहदा अभी तक नहीं मिला। सूत्रों के मुताबिक उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष का पद मिल सकता है।
चंबा जिला से विधानसभा अध्यक्ष
चंबा जिले को विधानसभा अध्यक्ष का पद मिला। भटियात सीट से चुनाव जीत कर आए कुलदीप सिंह पठानिया का नाम पहले तो कैबिनेट मंत्री के लिए चल रहा था, लेकिन क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने के लिए सुक्खू सरकार ने उन्हें विधानसभा स्पीकर का पद सौंप दिया।
3 जिलों को न मंत्री, ना सीपीएस
कैबिनेट में मंडी, बिलासपुर और लाहुल स्पीति जिले को ना मंत्री और ना ही मुख्य संसदीय सचिव मिला है। सीएम ने पहले चरण में 7 मंत्री बनाए हैं। इनमें से 3 मंत्री, सोलन, सिरमौर, किन्नौर और कांगड़ा से एक-एक मंत्री बनाया गया।
CPS बनाने में भी सुक्खू समर्थकों का बोलबाला
मुख्यमंत्री सुक्खू ने रोहड़ू से एमएल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुलेट, सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की से संजय अवस्थी, दून से राम कुमार और बैजनाथ से किशोरी लाल 6 CPS बनाए गए हैं। इनमें भी उनके ही समर्थकों का बोलबाला है। खासकर संजय अवस्थी, राम कुमार और किशोरी लाल उनके बेहद करीबी हैं।
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