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ऑक्सीजन आवंटन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बनाई Task Force -टॉप डॉक्टर्स शामिल
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच अस्पतालों में हो रही ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 12 सदस्यीय टास्क फोर्स (12-Member Task Force) का गठन किया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा बनाई गई इस नेशनल टास्क फोर्स में टॉप डॉक्टर्स शामिल किए गए हैं। ये अस्पतालों में ऑक्सीजन के डिस्ट्रीब्यूशन पर नजर रखने का काम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक दवाओं, मैनपावर और चिकित्सा देखभाल के मुद्दों पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर एक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया भी प्रदान करेगा। देशभर में बीते कई दिनों से विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन (Various Hospitals Across the Country) की कमी देखी जा रही है। इस वजह से विभिन्न राज्यों के हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में सुनवाई चल रही है।
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पटना, इलाहाबाद, दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन संकट को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को फटकार भी लगा चुका है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले दिनों सुनवाई के दौरान केंद्र को फटकार लगाई थी और दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन (700 Metric Tons of Oxygen) की सप्लाई रोजाना देने के लिए कहा था। इसी के चलते शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने 12 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस के पूर्व वाइस चांसलर डॉ भाबतोश बिस्वास, नारायणा हेल्थ केयर के चेयरपर्सन डॉ देवी शेट्टी, दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल के चेयरपर्सन डॉ देवेंद्र सिंह राणा, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (वेल्लोर) के प्रोफेसर डॉ गगनदीप कांग, फोर्टिस अस्पताल के डॉ राहुल पंडित, सर गंगाराम अस्पताल के डॉ सौमित्र रावत, डॉ जेवी पीटर, मेदांता अस्पताल के चेयरपर्सन डॉ नरेश त्रेहन, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बाइलरी साइंस (दिल्ली) के डॉ शिव कुमार, मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल के डॉ जरीर एफ, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव और नेशनल टास्क फोर्स के संयोजक को शामिल किया गया है।