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फारूक अब्दुल्ला पर दर्ज नहीं होगा राजद्रोह केस, याचिका लगाने वाले पर 50 हजार का जुर्माना
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला (Former CM Farooq Abdullah) को बड़ी राहत मिली है। फारूक अब्दुल्ला पर देशद्रोह (Sedition) का मुकदमा चलाने के लिए दायर याचिका (Petition) को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता (Petitioner) पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यही नहीं, देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी भी की है कि सरकार से अलहदा राय रखने वाले विचार को देशद्रोह (Sedition) नहीं कहा जा सकता है।
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न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पीठ ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ दायर जनहित याचिका (Petition) पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि सरकार से अलग विचार रखने को देशद्रोह (Sedition) नहीं माना जा सकता है। दरअसल याचिका में मांग की गई थी कि फारूक अब्दुल्ला पर देशद्रोह का मुकदमा दायर किया जाए। आपको बता दें कि याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने अनुच्छेद-370 पर भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान (Pakistan) से मदद मांगी थी।
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हालांकि इस आरोप को नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) ने पहले ही खारिज कर दिया था। फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा था कि हमने नहीं कहा कि चीन के साथ मिलकर हम अनुच्छेद 370 की वापसी करवाएंगे। उन्होंने कहा था कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था। इसी बयान को लेकर याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और फारूक अब्दुल्ला पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की थी। याचिका को खारिज (Petition Dismissed) करने के साथ ही पीठ ने फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ आरोपों को साबित नहीं कर पाने पर याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।