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शाहीन बाग मामला : Supreme Court ने कहा – सुनवाई का उपयुक्त समय नहीं
Last Updated on February 26, 2020 by Vishal Rana
नई दिल्ली। शाहीन बाग मामले में सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि शाहीन बाग से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ धरने पर बैठे लोगों को हटाने के लिए नियुक्त किए गए तीन मध्यस्थों की कोशिश फेल हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अभी इसकी सुनवाई का उपयुक्त समय नहीं है। कोर्ट कोई अंतरिम आदेश जारी किए बिना अगली सुनवाई के लिए 23 मार्च की तारीख तय कर दी।
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बता दें कि शाहीन बाग में दो महीने से ज्यादा वक्त से बंद पड़े सड़क को खोलने के लिए दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं। वह दिल्ली हिंसा (Delhi violence) से जुड़ी किसी याचिका पर सुनवाई नहीं करेगा। तब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हिंसा से जुड़ी याचिका खारिज कर दी।बता दें कि शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए तीन वार्ताकारों वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह को मध्यस्थ नियुक्त किया था हबीबुल्लाह ने रविवार को शाहीन बाग प्रदर्शन को सही बताते हुए दिल्ली पुलिस को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। कोर्ट ने कहा कि वार्ताकारों को सफलता नहीं मिली। कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थों ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है। दिल्ली हिंसा पर टिप्पणी करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट सुनवाई कर करेगी।