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तीन डिनोटिफाई थाने खोलने पर बोले सुरेश कश्यप- सरकार को समझ आ रहा ऑफिसों का महत्व
शिमला। हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) की सरकार ने डिनोटिफाई किए दो साइबर और 1 एम्स थाने को फिर से खोल दिया है। दो साइबर थाने (Cyber Station) धर्मशाला और मंडी में जबकि एक्स थाना बिलासपुर में खोला गया है। एक तरफ बंद थानों को खोले जाने से जहां लोगों को सुविधा मिलेगी। वहीं विपक्ष के पास सुक्खू सरकार को घेरने का एक नया मुद्दा मिल गया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि जिस प्रकार से सुक्खू सरकार ने पूरे प्रदेश भर में सरकारी कार्यालयों (Govt Office) को बंद किया और उसके बाद जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। इसकी बीजेपी (BJP) घोर निन्दा करती है। हिमाचल प्रदेश में जो कार्यालय खुले हैं वह एक साल के अंदर नहीं खोले जाते हैं, उसकी पूरी प्रक्रिया होती है उसके लिए बजट अलॉट होता है और सरकार की कैबिनेट और सरकार के विभागों के अप्रूवल के बाद ही इन संस्थाओं को खोला गया है।
बीजेपी ने सरकार के खिलाफ जिला स्तर पर शुरू किये धरने प्रदर्शन
सुरेश कश्यप (Suresh Kashyap) ने कहा कि जिस प्रकार से कांग्रेस अपनी गलती को छुपाने के लिए बयानबाजी कर रही है पूर्ण रूप से जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास हैं। कांग्रेस सरकार द्वारा दो साइबर थाने और एक एम्स थाने को पहले डी नोटिफाई (Denotified) कर दिया और फिर उन्हें खोल दिया इससे साथ पता चलता है कि कांग्रेस को धीरे-धीरे समझ आ रहा है कि इन सरकारी दफ्तरों का क्या महत्व है। बीजेपी ने सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान (Signature Campaign) चलाया हुआ है और आज से ज़िला स्तर पर धरने प्रदर्शन किए जा रहे हैं। सरकार ने अगर डी नोटिफाई किए संस्थानों को बहाल नही किया, तो भविष्य में आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
सरकार सेंटर स्पॉन्सर्ड स्कीमों के लिए बजट करे जारी
कश्यप ने कहा कि राज्य सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। उन्होंने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि सरकार कार्यालय को बंद करने की बजाय सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम (Centrally Sponsored Scheme) के लिए 10 फीसदी का बजट जारी करे, ताकि प्रदेश का विकास निरंतर चलता रहे। उन्होंने कहा कि केंद्र से हिमाचल को बड़ी सौगातें मिल रही हैं, पर उस सौगात में 90 फीसदी शेयर केंद्र वहन कर रहा है और 10 फीसदी शेयर प्रदेश को वहन करना है। जब तक 10 फीसदी शेयर सरकार नहीं डालेगी, तब तक उन बड़ी स्कीमों का लाभ प्रदेश को नहीं हो पाएगा।