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फागली स्कूल पिटाई कांड में नया ट्विस्ट; आरोपी टीचर का पिटाई से इनकार, बोलीं-झूठा फंसाया
शिमला। फागली के सरकारी प्रायमरी स्कूल (Govt Primary School in Fagli) में दूसरी कक्षा के एक बच्चे की पिटाई के मामले में शनिवार को तब नया मोड़ आ गया, जब स्कूल के अध्यापकों, अभिभावकों और एसएमसी सदस्यों ने आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया। प्रेस को जारी एक बयान में स्कूल के टीचरों (Teachers) का कहना है कि पीड़ित बच्चे के पिता बलदेव कुमार ने, जो पहले एसएमसी के मुखिया (SMC Head) भी रहे हैं, बेवजह मीडिया में इस मामले को उछाला। इससे स्कूल की बदनामी हुई और टीचरों के सम्मान को ठेस पहुंची।
आरोपी टीचर आशा कुमारी ने कहा कि बलदेव कुमार को एसएमसी के प्रधान से हटाकर सुगना देवी को प्रधान चुना गया है। आशा देवी ने आरोप लगाया कि इस बात से नाराज बलदेव कुमार बिना वजह स्कूल में आकर ताक-झांक करता था। वह महिला अध्यापिकाओं और महिला कुक पर गलत नजर रखता था। जब आशा देवी ने उसे टोका और बिना काम स्कूल न आने की हिदायत दी, तो वह आगबबूला हो गया और आशा देवी को इसका खामियाजा भुगतने की धमकी (Threatened) दी।
खेलते हुए मेज से टकराया था बच्चे का सिर
आशा कुमारी ने दावा किया कि उन्होंने बच्चे की पिटाई नहीं की है। उन्होंने बताया कि लगभग चार बजे तक बच्चा बिल्कुल ठीक था। वह स्कूल के बच्चों के साथ खेल रहा था और खेलते हुए ही उसका सिर क्लास में एक मेज से टकरा गया। इसके कारण उसके कान के पास हल्की चोट आई तथा उन्होंने तुरन्त उसे प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध करवाई।
बुलाई एसएमसी की आपात बैठक
टीचर आशा देवी के समर्थन में स्कूल में बच्चों के अभिभावकों, एसएमसी सदस्यों तथा अध्यापकों की शनिवार को आपात बैठक (Emergency Meeting Of SMC) बुलाई गई और एक प्रस्ताव पारित कर हस्ताक्षरित बयान पुलिस थाना बालूगंज, प्राथमिक शिक्षा उप-निदेशक शिमला, खण्ड प्राथमिक प्राथमिक शिक्षा अधिकारी को भेजा गया है। बयान में आरोप लगाया गया है कि बलदेव कुमार ने उनके खिलाफ झूठी शिकायत (False Report) दर्ज करवाई है। आशा देवी एक बहुत ही श्रेष्ठ एवं नेक अध्यापिका हैं, जो बच्चों को बहुत ही प्यार और अच्छे ढंग से पढ़ाती है, इसलिए उन पर ऐसे झूठे आरोप लगाना सरासर गलत है।