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नवरात्र के लिए #Himachal के मंदिर तैयार, इन कार्यों पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध
बिलासपुर/ज्वालामुखी। हिमाचल में कल यानी शुक्रवार से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्रों (Navratri) को लेकर प्रदेश के मंदिर (Himachal Pradesh Temple) पूरी तरह से तैयार हो गए हैं। मंदिरों को रंग बिरंगी लाइटों के साथ ताजे फूलों से सजा दिया गया है। हालांकि कोरोना काल में श्रद्धालुओं को कड़े दिशा-निर्देशों और सख्त नियमों का पालन करते हुए मंदिरों में प्रवेश मिलेगा। प्रदेश के मंदिरों में केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी का सख्ती से पालन किया जाएगा। कोरोना (Corona) माहमारी को ध्यान में रखते मंदिरों में जहां सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग की पूरी व्यवस्था की गई है वहीं, श्रद्धालु के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
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नवरात्रों में रोजाना 22 घंटे खुलेंगे श्री नैना देवी मंदिर के कपाट
शनिवार को जिला बिलासपुर के शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में नवरात्रों के लिए की गई तैयारियों की जायजा लेने के डीसी बिलासपुर (DC Bilaspur) राजेश गोयल ने मंदिर ट्रस्ट सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और कोविड-19 को ध्यान में रखकर सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) व सैनिटाइजेशन के भी पुख्ता इंतजामों की समीक्षा की गई। जानकारी देते हुए डीसी राजेश्वर गोयल ने बताया कि नवरात्र के दौरान शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर (Shri Naina Devi Temple) में देशभर से काफी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है जिसको देखते हुए रोजाना 22 घंटे मंदिर के कपाट खोले जाने का निर्णय लिया गया है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालु परिसर में बनाए गए तीन स्क्रीनिंग काउंटर में टोकन लेने के बाद ही मां नैनादेवी के दर्शन कर पाएंगे। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा प्रसाद चढ़ाने, लंगर, हवन, मुंडन व शादी विवाह सहित भजन कीर्तन जैसे आयोजनों पर पूर्णरूप से प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही सीआरपीसी की धारा 144 के अंतर्गत धारधार हथियार व कोई भी आपत्तिजनक वस्तु रखने पर भी प्रतिबंध रहेगा।
ज्वालामुखी मंदिर में नवरात्रों में नहीं होंगे मुंडन संस्कार
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जिला कांगड़ा के शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर (Jwalamukhi Temple) में नवरात्रों के दौरान इस बार ना तो लंगर लगाए जाएंगे और ना ही मंदिर में मुंडन संस्कार किए जा सकेंगे। ज्वालामुखी मंदिर में नवरात्रों के दौरान की जाने वाली व्यवस्थाओं को लेकर ज्वालामुखी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे एसडीएम देहरा धनवीर ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी एसओपी (SOP) के तहत ही मंदिर में श्रद्धालुओं (Devotees) के लिए दर्शनों की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि नवरात्रों के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बस स्टैंड (Bus Stand) पर यात्रियों के पंजीकरण के लिए तीन केंद्र खोले जाएंगे। यहां उन्हें थर्मल जांच और निर्धारित सार्वजनिक दूरी के तहत ही दर्शनों के साथ मंदिर में भेजा जाएगा। एसडीएम धनवीर ठाकुर ने बताया कि नवरात्रों के शुभारंभ विधिवत झंडा पूजन की रस्म से किया जाएगा, जिसमें सार्वजनिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। ज्वालामुखी मंदिर में शारदीय नवरात्रों का विशेष महत्व है व नवरात्रों के दौरान बड़ी संख्या में नौनिहालों के मुंडन संस्कार की रस्म अदा करते हैं, लेकिन कोरोना संकट के कारण इस बार श्रद्धालुओं को मंदिर में मुंडन से वंचित होना पड़ेगा।
बैरियर से आगे नहीं आ पाएंगे ट्रक, ट्रैक्टर व टैंपू में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन
रोड मैप की बात की जाए तो ट्रक, ट्रैक्टर व टेंपो के जरिये देशभर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को टोबा व भाखड़ा स्थित ग्वालथाई बेरियर में ही रोका जाएगा, जबकि बसों, प्राइवेट कारों व टैक्सियों को पार्किंग स्थल तक आने की परमिशन दी गई है। इसके साथ ही मंदिर परिसर तक वन-वे किया गया है, ताकि ट्रैफिक को लेकर श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई असुविधा ना हो।
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