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350 साल पुराने लिंगायत मठ ने पहली बार Muslim शख्स को बनाया मुख्य पुजारी
Last Updated on February 20, 2020 by Deepak
हुबली। उत्तर कर्नाटक (Karnataka) के गडग जिले के एक 350 साल पुराने लिंगायत मठ (Lingayat Math) ने 33 साल के एक मुस्लिम शख्स को मुख्य पुजारी (Head Priest) बनाने का फैसला किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार दीवान शरीफ रहिमनसब मुल्ला (diwan sharief rahimansab mulla) 26 फरवरी को मुरुगराजेंद्र कोरानेश्वरा शांतिधाम मठ की जिम्मेदारी संभालेंगे। मिली जानकारी के अनुसार शरीफ के पिता ने कई साल पहले इस मठ को 2 एकड़ जमीन दान की थी। मठ के मुख्य पुजारी शिवयोगी के प्रवचनों से प्रभावित होकर शरीफ के पिता रहिमनसब मुल्ला ने भी दीक्षा ली थी।
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इस मामले पर खजूरी मठ के मुख्य पुजारी मुरुगराजेंद्र कोरानेश्वर शिवयोगी का कहना है कि बसव का दर्शन सार्वभौमिक है और हम जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव न करते हुए हर किसी को गले लगाते हैं। बता दें कि 10 नवंबर, 2019 को शरीफ ने ‘लिंग दीक्षा’ ली थी। शरीफ ने बताया कि वह बचपन से ही 12वीं सदी के सुधारक बासवन्ना की शिक्षाओं से प्रभावित थे। उन्होंने आगे बताया कि मैं पास के गांव में आटा चक्की चलाता था और खाली वक्त में बसवन्ना और 12वीं शताब्दी के अन्य साधुओं द्वारा लिखे गए प्रवचन पढ़ता था। कोरानेश्वरा शांतिधाम के मठ के स्वामीजी ने मेरी इस छोटी सी सेवा को पहचाना और मुझे अपने साथ ले गए। मैं बसवन्ना और मेरे गुरु द्वारा बताए रास्ते पर आगे बढूंगा। यह लिंगायत मठ गडग जिले के आसुती गांव में है। कर्नाटक और महाराष्ट्र के लाखों अनुयायी इससे जुड़े हैं।