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खुल गए बड़ा देव कमरुनाग मंदिर के कपाट, पुजारियों ने किया विधिवत अनुष्ठान
Kamrunaag Temple: हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक और आस्था से जुड़े बड़ा देव कमरुनाग मंदिर के कपाट चार महीने बाद विधिवत पूजा-अर्चना के बाद खोल दिए गए। चार महीनों की बर्फबारी के बाद जैसे ही मंदिर के द्वार खुले, श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हर ओर बड़ा देव कमरुनाग के जयकारे गूंज उठे, और श्रद्धालुओं ने देवता के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
बर्फबारी के कारण बंद रहते हैं कपाट
कमरुनाग मंदिर, जो समुद्र तल से लगभग 3,334 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण बंद कर दिया जाता है। इस बार भी नवंबर में कपाट बंद कर दिए गए थे और मार्च के अंत में श्रद्धालुओं के लिए पुनः खोल दिए गए। इस अवधि में मंदिर बर्फ की सफेद चादर में लिपटा रहता है, जिससे यहां तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। मंदिर समिति और स्थानीय देव परंपराओं के अनुसार, हर साल चैत्र माह में विशेष पूजा और हवन के बाद ही मंदिर के द्वार खोले जाते हैं। इस बार भी स्थानीय पुजारियों ने विधिवत अनुष्ठान संपन्न कर कपाट खोलने की रस्म निभाई।
सफाई का विशेष ध्यान रखने का आग्रह किया
देव कमरुनाग को जल का देवता माना जाता है और श्रद्धालु यहां जल चढ़ाकर अपनी मन्नतें मांगते हैं। बड़ा देव कमरुनाग को महाभारत काल से जोड़कर देखा जाता है। मान्यता है कि कमरुनाग, जिन्हें भीमसेन से वरदान प्राप्त था, महाभारत युद्ध में भाग लेना चाहते थे, लेकिन भगवान कृष्ण ने उन्हें रोका और इस पर्वतीय क्षेत्र में तपस्या करने के लिए कहा। तब से, उन्हें जल का देवता माना जाता है और लोग यहां पहुंचकर झील में सिक्के और आभूषण चढ़ाते हैं। गूर देवी सिंह ने सभी भक्तों और श्रद्धालुओं से सफाई का विशेष ध्यान रखने का आग्रह किया है।
संजीव कुमार