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मंडी शिवरात्रि का आगाज करने निकले देव कमरुनाग, इस बार सेरी चानणी में नहीं देंगे भक्तों को दर्शन
Dev Kamrunag left for Mandi Shivaratri: मंडी शिवरात्रि महोत्सव (Mandi Shivratri Festival)की शोभा बढ़ाने के लिए मंडी जनपद के आराध्य बड़ा देव कमरूनाग आज अपने मूल स्थान से लाव लश्कर के साथ मंडी के लिए निकल गए हैं। देवता के मंडी आगमन को लेकर उनके भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। देवता पुलिस सुरक्षा (Police Protection)के बीच मंडी पहुचेंगे। बड़ा देव यजमानों के घरों में मेहमाननवाजी निपटाते हुए आगामी 25 फरवरी को छोटी काशी में प्रवेश करेंगे। राज देवता भगवान माधोराय (Bhagwan Madho Rai) से भव्य मिलन के साथ देव कमरुनाग मंडी शिवरात्रि के कारज शुरू करेंगे।
टारना मंदिर में भक्तों को दर्शन देंगे
देवता मंडी शिवरात्रि मेले में इस बार सेरी चानणी (Seri Chanani)में भक्तों को दर्शन देने के लिए विराजमान नहीं होंगे। देव कमरुनाग ने सेरी चानणी में बैठने के लिए साफ मना कर दिया है। देवता ने अपने गूर और देवलुओं को साफ निर्देश दिए हैं कि वे भगवान माधो राय से मिलन के बाद वे टारना मंदिर (Tarna Temple)में पूरे मेले के दौरान भक्तों को दर्शन देंगे और मेला समाप्त होने पर देवता टारना मंदिर से सीधा यजमानों (भक्तों ) के घरों मेन मेहमाननवाजी निभाएंगे। शिवरात्रि मेले में ऐसा पहली बार देखने को मिलेगा जब देवता सेरी चानणी में विराजमान नहीं होंगे।
चमड़े के वाद्य यंत्रों को बर्दाश्त नहीं करते देव
बड़ा देव कमरुनाग जनपद के सबसे बड़े देवता हैं। हर साल महाशिवरात्रि पर्व (Mahashivaratri Festival)इनके छोटी काशी में प्रवेश करने से ही शुरू होता है। देवता अन्य देवताओं की भांति पड्डल में नहीं अपितु टारना की पहाड़ी पर विराजमान होते हैं। देव कमरुनाग चमड़े के वाद्य यंत्रों को बर्दाश्त नहीं करते हैं। इसलिए देवता टारना पहाड़ी पर अकेले रहना पसंद करते हैं। देवता से हजारों लोगों की आस्था जुड़ी है और देवता के मंडी आगमन का छोटी काशी के लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं।
संजीव कुमार