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मद्महेश्वर धाम के कपाट खुले, बुग्यालों के बीच स्थित धाम में ही होगी छह माह की पूजा
देहरादून। कोरोना संकट के बीच द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम (Madmaheshwar Dham) के कपाट सोमवार यानी आज खोल दिए गए। सिंह लग्न में दोपहर ठीक 12 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ कपाट खोले गए। कपाट खुलने के बाद बाबा मद्महेश्वर की छह माह की पूजा बुग्यालों के बीच स्थित धाम में ही होगी। डोली प्रभारी वाईएस पुष्पवाण ने बताया कि सोमवार सुबह सात बजे डोली ने गौंडार गांव से अपने धाम के लिए प्रस्थान किया। इस बीच बणतोली, खुन्नू, खटरा होते हुए डोली सुबह करीब साढ़े 11 बजे देवदर्शनी नामक स्थान पर पहुंची। यहां अल्प विश्राम के बाद डोली धाम पहुंची।
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कोरोना संक्रमण के चलते कपाटोद्घाटन के दौरान सीमित संख्या में ही श्रद्धालु मौजूद रहे। इससे पूर्व रविवार सुबह राकेश्वरी मंदिर, रांसी गांव में धाम के लिए नियुक्त पुजारी टी. गंगाधर लिंग ने अराध्य की भोगमूर्तियों का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की और भोग लगाया। इसके बाद माता राकेश्वरी के साथ अराध्य की आरती की गई। द्वितीय केदार की चल उत्स विग्रह डोली ने राकेश्वरी मंदिर की परिक्रमा कर रविवार सुबह गौंडार के लिए प्रस्थान किया। इस मौके पर ग्रामीणों ने अपने घरों से ही हाथ जोड़कर भगवान मद्महेश्वर को धाम के लिए विदा किया। घर, परिवार और क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना की। रांसी से घने जंगल से होकर छह किलोमीटर पैदल सफर के बाद द्वितीय केदार की डोली रात्रि प्रवास को आखिरी पड़ाव गौंडार पहुंची। यहां परंपरानुसार पूजा-अर्चना की गई।