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विक्रमादित्य ने उठाया मुद्दा तो CM बोले- मुकेश मामला उठाते हैं, अच्छा लगता है; झगड़ालू प्रवृत्ति ठीक नहीं
Last Updated on March 3, 2020 by Deepak
शिमला। सीएम जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) ने प्रश्नकाल के तत्काल बाद विधायक विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) द्वारा डीडीयू अस्पताल (DDU Hospital) में अव्यवस्थाओं से जुड़े मामले को उठाने के बाद उसका जवाब देते हुए उनपर करार तंज कसा है। सीएम जयराम ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) कोई मामला उठाते हैं, तो अच्छा लगता है लेकिन हर मामले पर झगड़ालू प्रवृत्ति ठीक नहीं है। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि अस्पताल में 30 डाक्टर सेवाएं दे रहे हैं और सभी विभागों में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल अहम भूमिका निभा रहा है।
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सीएम ने कहा कि हमेशा सुधार की गुजाइंश रहती है और यह निरंतर प्रकिया है। उन्होंने कहा कि मॉडल ओटी और ऑक्सीजन पाइप आदि बिछाने के लिए करीब 35 करोड़ रूपए खर्च होने हैं और इसकी प्रकिया जारी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों को आक्सीजन नहीं मिल रही है, ऐसा नहीं है। आक्सीजन पूर्व से जारी व्यवस्था के माध्यम से दी जा रही है। इससे पहले सदन में विधायक विक्रमादित्य सिंह द्वारा उठाए गए मामले पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के बीच तीखी तकरार हुई और दोनों ने एक-दूसरे को नियमों का पाठ पढ़ाया।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब पीठ ने विधायक को मामला उठाने की अनुमति दी है तो ससंदीय कार्य मंत्री उस पर उंगली नहीं उठा सकते। उन्होंने कहा कि मंत्री पीठ से ऊपर नहीं है। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री को पता होना चाहिए कि राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर चर्चा के दौरान नियम-62 के तहत मामला नहीं उठाया जा सकता है, क्योंकि उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। ससंदीय कार्य म़ंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि विपक्ष का इस तरह व्यवहार अजीब लगता है। उन्होंने कहा कि सदन नियमों से चलता है और सुर्खियां बनाने के लिए ऐसे विषय नहीं उठाने चाहिए।
इससे पहले विधायक विक्रमादित्य सिंह ने डीडीयू का मामला उठाते हुए कहा कि यह अस्पताल 7 विधानसभा क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थय सेवाएं प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि उक्त अस्पताल की हालत खस्ताहाल है। यहां ने ओटी चल रही है और न ही पूरा स्टाफ है। एक वाहन है, जो वीआईपी ड्यूटी में लगा रहता है। उन्होंने कहा कि यहां महंगे एक्सरे करवाए जा रहे हैं और पीपीपी मोड पर एक्सरे प्लांट लगाकार मरीजों को ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है।
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