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शिमला की बैठक में विपक्षी गठबंधन का नाम हो सकता है PDA
नई दिल्ली। अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले NDA के मुकाबले 15 विपक्षी दलों के मोर्चे का नाम शिमला में 10 से 12 जुलाई के बीच होने वाली बैठक में देशभक्त लोकतांत्रिक गठबंधन यानी पैट्रियोटिक डेमोक्रेटिक एलाइंस (PDA) हो सकता है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई (CPI) ने बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसका ऐलान भी कर दिया है। हालांकि नाम पर अंतिम मुहर अगले महीने शिमला (Shimla) में प्रस्तावित विपक्षी एकता की दूसरी बैठक में लगेगी।
विपक्ष का आरोप है कि पिछले 9 साल में बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) या उनकी सरकार के काम की आलोचना करने वालों को देशद्रोही करार देती रही है। विपक्ष का मानना है कि बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के रहते देश के लोकतंत्र पर खतरा है। लिहाजा नए मोर्चे का नाम लोकतंत्र और देशद्रोह दोनों को लक्षित करते हुए होना चाहिए। लिहाजा, पीडीए यानी पेट्रियोटिक डेमोक्रेटिक एलाइंस नाम अभी तक सबसे उपयुक्त माना जा रहा है क्योंकि ये इन दोनों मसलों को समाहित करता है। पेट्रियोटिक यानी देशभक्ति और डेमोक्रेटिक यानी लोकतांत्रिक, पीडीए में ये दोनों बातें आ जा रही हैं।
ममता और अखिलेश दोनों को भाया पीडीए
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की महाजोत में कहा था कि हमें विपक्ष न कहा जाए, हम भी देशभक्त हैं। अब सीपीआई ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए मोर्चे के नए नाम पर तस्वीर साफ करने की कोशिश की है। सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा के अनुसार, प्रस्तावित बड़े विपक्षी मोर्चे का नया नाम पेट्रियोटिक डेमोक्रेटिक एलाइंस (देशभक्ति लोकतांत्रिक गठबंधन) हो सकता है, हालांकि वामपंथी नेता ने कहा है कि ‘गठबंधन के नाम पर अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है।’ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी पिछले कुछ समय से पीडीए की बात उठा रहे हैं। हालांकि उन्होंने इसके जरिए पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों के गठजोड़ की बात की है।
नीतीश के न्योते पर हुई थी बैठक
गौरतलब है कि एनडीए के खिलाफ विपक्ष की ऐसी मोर्चाबंदी की पहल पिछले कुछ समय से अलग-अलग दलों के नेताओं के द्वारा की जा रही है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सभी नेताओं को पटना आने का न्योता दिया था। उन्हीं के न्योते पर 23 जून की बैठक हुई। इसमें यह तय किया गया कि अगली बैठक शिमला में जुलाई के पहले पखवारे में होगी। पटना की बैठक में 15 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया था। बताया गया है कि अगली बैठक में विपक्षी दलों का मोर्चा काफी कुछ आकार ले चुका होगा और उसी में इसके नाम पर मुहर भी अधिकारिक मुहर जाएगी।
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