-
Advertisement
बागियों ने बिछाए बीजेपी की राह में कांटे, हाईकमान भी नहीं रोक पाई बगावत
शिमला। हिमाचल विधानसभा चुनाव (Himachal assembly elections) सिर पर हैं। हिमाचल में बीजेपी और कांग्रेस (BJP and Congress) दोनों ही पार्टियां सत्ता पर काबिज होने के लिए जोर-आजमाइश (Try hard) कर रही हैं। मगर बागियों ने दोनों ही दलों की राह में कांटे तैयार कर दिए हैं। अब नामांकन वापसी के बाद पिक्चर पूरी तरह से क्लीयर हो चुकी है कि ये बागी इन दोनों दलों के नाकों चने चबावाएंगे। वर्तमान में कांग्रेस के सात और बीजेपी के 21 नेता बगावत पर उतरे हैं। बीजेपी ने इस बार दस सीटिंग एमएलए (Seating MLA) के टिकट काटे हैं इसलिए यही कारण है कि बीजेपी में कांग्रेस की तुलना में बागी भी तीन गुना ज्यादा हैं। यूं तो बीजेपी रिवाज बदलने की बात कर रही है मगर जिस हिसाब से बगावत हुई है उस हिसाब से बीजेपी की राह में कांटे अधिक नजर आ रहे हैं।
यह भी पढ़ें:हिमाचल कांग्रेस बगावत रोकने में हुई कामयाब, कांग्रेस के 8 बागियों ने वापस लिए नामांकन
बीजेपी को चुनौती देने वालों में चार पूर्व विधायक, एक सीटिंग एमएलए, एक मंत्री पुत्र, एक पूर्व सांसद है। पूर्व विधायकों में आनी से किशोरी लाल, नालागढ़ से केएल ठाकुर, इंदौरा से मनोहर धीमान और किन्नौर से तेजवंत सिंह नेगी मैदान में हैं। वहीं देहरा के विधायक होशियार सिंह (Dehra MLA Hoshiyar Singh), फतेहपुर से पूर्व सांसद कृपाल पर, बंजार से पूर्व सांसद महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह (Hiteshwar Singh, son of former MP Maheshwar Singh), सुंदरनगर से पूर्व मंत्री रूप सिंह ठाकुर के बेटे अभिषेक ठाकुर भी इस बार बीजेपी को कड़ी चुनौती देने वाले हैं। वहीं संगठन में अच्छी पैठ रखने वाले मंडी सदर से प्रवीण शर्मा (Praveen Sharma) सीटिंग एमएलए अनिल शर्मा की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। वहीं बिलासपुर सदर से विधायक सुभाष शर्मा, कुल्लू से कुलभाष चौधरी और रोहड़ू से राजेंद्र धीरटा भी सेंध लगाएंगे। इसके अतिरिक्त हमीरपुर के भोरंज से बीजेपी के पवन कुमार, नाचन से ज्ञानचंद, धर्मशाला से विपिन नैहरिया व अनिल चौधरी, बड़सर से संजीव शर्मा, हमीरपुर से नरेश दर्जी, चंबा सदर से इंदिरा कपूर और मनाली से महेंद सिंह ठाकुर बीजेपी की राह में कांटे पैदा करने वाले हैं।
इसके विपरीत कांग्रेस पार्टी को एक पूर्व मंत्री और दो पूर्व विधायक मुश्किल पैदा करने वाले हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि कांग्रेस में बीजेपी की तुलना तीन गुणा कम बागी हैं। मगर जो बागी हैं इनमें एक पूर्व मंत्री, दो पूर्व विधायक, एक पूर्व विधायक की पत्नी और एक पूर्व मंत्री का बेटा शामिल है। यानी कि कांग्रेस को अपने चार बागियों से चुनौती मिलने वाली है। वहीं पच्छाद में कांग्रेस प्रत्याशी दयाल प्यारी (Congress candidate Dayal Pyari) को पूर्व मंत्री गंगूराम मुसाफिर, सुलह में पूर्व विधायक जगजीवन पाल, चौपाल में पूर्व विधायक डॉ सुभाष मंगलेट, ठियोग से पूर्व विधायक की पत्नी इंदु वर्मा और पूर्व मंत्री स्व जय बिहारी लाल खाची और आनी में मास लीडर परसराम कांग्रेस के लिए खतरा बन सकते हैं।