-
Advertisement
परीक्षाओं को लेकर शिक्षा निदेशालय के बाहर SFI का धरना प्रदर्शन, शुरू की ऑनलाइन पोलिंग
शिमला। एसएफआई ने परीक्षाओं को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के द्वारा जारी किए गए निर्देशों के खिलाफ शिमला में शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि एक ओर तो इस महामारी के कारण पहले ही मानसिक रूप पीड़ित हैं दूसरा परीक्षाओं को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति ने चिंता और भी बढ़ा दी है। अब जल्दबाजी में केंद्र सरकार UGC पर दबाव बनाकर इस भयंकर महामारी के समय परीक्षाओं को करवाने का फैसला छात्रों पर थोपना चाहती है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: Exams करवाने के निर्णय पर भड़की SFI, जला डाली UGC के निर्देशों की कॉपी
SFI का मानना है कि लॉकडाउन की कुछ शर्तें है, जिनमें शिक्षण संस्थानों का बंद रहना अभी तक जारी है। आज इस महामारी का प्रसार कई राज्यों में तीसरे चरण में पहुंच गया है और प्रतिदिन देश में 20 से 25 हजार के करीब कोरोना संक्रमितों केस सामने आ रहे है। अगर परीक्षाएं होती है तो देशभर के करोड़ों छात्र भी इन परीक्षाओं का हिस्सा बनेंगे। इसके साथ-साथ लाखों की संख्या में शिक्षा विभाग के कर्मचारी Teaching and non teaching staff भी शामिल होंगे। इससे वायरस के फैलने की संभावना और अधिक बढ़ेगी। ऐसे में सवाल यह है कि क्या सरकारें उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने को तैयार है।
यह भी पढ़ें: अब बालूगंज स्कूल में नहीं होगी D.EL.Ed. CET की प्रवेश परीक्षा, कारण जानने के लिए पढ़े
इसलिए एसएफआई की मांग है कि सरकार, MHRD और UGC परीक्षाओं के संबंध में अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करें। UGC शीघ्र किसी अन्य मूल्यांकन विकल्प के साथ परीक्षा से संबंधित असमंजस को दूर करे। एसएफआई के राज्य सचिव अमित ठाकुर ने केंद्र सरकार व राज्य सरकार पर छात्रों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार व गृह मंत्रालय शीघ्र इस छात्र विरोधी UGC के फरमान को वापिस लें। परीक्षा व प्रमोशन के संबंध में आम छात्रों की राय जानने के लिए SFI राज्य कमेटी ने राज्य स्तर पर ऑनलाइन पोलिंग शुरू की है उसमें अभी तक 4 हजार के करीब छात्रों ने अपने सुझाव सहित वोट किया है जिसमें से 93% छात्र परीक्षाओ के खिलाफ प्रमोशन की मांग कर रहे है।