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#Rajya_Sabha के निलंबित सांसदों का धरना खत्म: बचे हुए मानसून सत्र का बहिष्कार करेगा पूरा विपक्ष
नई दिल्ली। राज्यसभा के उप-सभापति से ‘दुर्व्यवहार’ करने को लेकर मानसून सत्र (monsoon session) के शेष भाग के लिए निलंबित होने पर रातभर संसद परिसर में विरोध-प्रदर्शन करने वाले 8 सांसदों ने अपना धरना खत्म कर दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस (Congress) समेत समूचे विपक्ष ने पूरे मानसून सत्र के बहिष्कार का ऐलान किया है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों समेत समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), डीएमके, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), आम आदमी पार्टी (आप), वामदल, आरजेडी, टीआरएस और बीएसपी के राज्यसभा सांसदों ने कार्यवाही का बहिष्कार कर सदन से वॉकआउट (Walkout) किया है। इस दौरान सांसदों ने गांधी की प्रतिमा के सामने आकर प्रदर्शन किया। कृषि विधेयकों और सांसदों के निलंबन के मुद्दे को लेकर पूरे विपक्ष ने संसद के बचे हुए पूरे पूरे मानसून सत्र के किनारा करने का ऐलान किया है।
जानें किन सांसदों को किया गया है निलंबित
दरअसल, 20 सितंबर को किसानों से जुड़े बिल को पास कराने के दौरान इन सांसदों ने हंगामा किया। इसके बाद सोमवार को सभापति वेंकैया नायडू ने आठ सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया था। इसके बाद सभी सांसद, संसद परिसर में ही धरने पर बैठ गए थे। सभापति वेंकैया नायडू ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा, नासिर हुसैन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, केके रागेश और माकपा के ई करीम को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है। जिसके बाद सभी सांसद, गांधी प्रतिमा के पास धरने पर थे और पूरी रात संसद परिसर में गुजार दी।
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गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम संसद सत्र का बहिष्कार करेंगे जब तक सरकार हमारी तीन मांगों को स्वीकार नहीं करती है। पहली मांग है कि एक और विधेयक लाने के लिए जिसके तहत कोई भी MSP से नीचे फसल खरीद नहीं कर सकता है। दूसरी मांग है कि स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित फार्मूला के तहत तय किया जाना चाहिए और FCI जैसी सरकारी एजेंसियों को MSP से नीचे की फसल नहीं खरीदनी चाहिए।