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15वीं सदी में लिखी गई दुनिया की इस किताब को आजतक कोई भी नहीं पढ़ सका
दुनिया में अतीत के कई ऐसे रहस्य हैं जिन्हें अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है। इसमें किताबें भी शामिल हैं। दुनिया में एक ऐसी भी किताब है जिसे कोई भी व्यक्ति आज तक नहीं पढ़ सका है। इस किताब को किस भाषा (Language) में लिखा गया यह भी जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि रोचक बात यह है कि यह किताब इतनी भी पुरानी नहीं है। 15वीं सदी (15th Century) में लिखी गई इस किताब में 240 पन्ने हैं, लेकिन आज तक इसे कोई भी नहीं पढ़ सका। किताब में जो स्क्रिप्ट लिखी गई है उसे विशेषज्ञों द्वारा वॉयनिक मैनुस्क्रिप्ट (Voynich Manuscript) नाम दिया गया है। हालांकि इसे नाम तो दे दिया गया है, लेकिन आजतक पढ़ा नहीं गया।
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इस किताब में कुल 240 पन्ने हैं।
इतिहासकारों (Historians) के मुताबिक किताब 600 साल से ज्यादा पुरानी है और इस किताब की कार्बन डेटिंग से पता चला है कि इसे 15वीं सदी में लिखा गया है। खास बात यह भी है कि इस किताब को हाथ से लिखा गया है, लेकिन आखिर लिखा क्या है ना तो किसी को इस बात की जानकारी और कौन सी भाषा (Language) में लिखा गया इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है। किताब (Book) में इंसानों के साथ ही पेड़-पौधों के चित्र भी बनाए गए हैं, लेकिन जिन पेड़ पौधों के चित्र इस किताब में उकेरे गए हैं वो पेड़-पौधे इस धरती पर मौजूद किसी भी पेड़ या पौधे से मेल ही नहीं खाते।
कहां से आया वॉयनिक मैनुस्क्रिप्ट का नाम
दरअसल इटली (Italy) के एक बुक डीलर विलफ्रिड वॉयनिक (Wilfried voonik) ने इस रहस्यमय किताब को 1912 में कहीं से खरीदा। इसके बाद इसका नाम वॉयनिक मैनुस्क्रिप्ट रख दिया गया। इस किताब में कई पन्ने हुआ करते थे, लेकिन समय के साथ इसके कई पन्ने खराब हो गए। इसलिए अब इस किताब (Book) में सिर्फ 240 पन्ने ही बचे है। इस किताब के बारे में अभी तक जानकारी इतनी ही जानकारी जुटा पाए हैं कि इसमें लिखे गए कुछ शब्द लैटिन और जर्मन भाषा (Latin and German language) में हैं।