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हिमाचल हाईकोर्ट ने इसलिए रद्द कर दी जेबीटी शिक्षक की नियुक्ति
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने अधिसूचना की तारीख (Date of Notification) तक टेट पास न होने पर जेबीटी शिक्षक (JBT Teacher) की नियुक्ति रद्द कर दी है। न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने कहा कि किसी पद के लिए अनिवार्य योग्यता भर्ती के लिए जारी अधिसूचना के समय पूरी होनी चाहिए। अदालत ने प्रतिवादी ज्योति की नियुक्ति को रद्द करते हुए उपनिदेशक शिमला को मैरिट सूची के तहत अगले उम्मीदवार को नियुक्ति प्रदान करने के आदेश दिए हैं।
अदालत में दायर एक याचिका में आरोप लगाया गया था कि शिमला जिले में जेबीटी की भर्ती के लिए जारी अधिसूचना के समय ज्योति ने टेट परीक्षा (TET Exam) उत्तीर्ण नहीं की थी। शिक्षा विभाग ने 22 जुलाई 2016 को कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू और ऊना को छोड़कर सभी जिलों में जेबीटी की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत शिमला जिला में विभिन्न श्रेणियों के 121 पद भरे जाने थे। 4 अगस्त 2016 को शिमला जिला में 121 पदों को भरने के लिए समयसारणी अधिसूचित की गई। याचिकाकर्ता और प्रतिवादी ने अनारक्षित शारीरिक विकलांग श्रेणी से आवेदन किया था।
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शिक्षक के लिए टेट पास होना जरूरी
अनारक्षित श्रेणी के पदों को भरने के लिए अधिसूचना के तहत 17 और 18 अगस्त 2016 को काउंसलिंग की गई थी और नियुक्ति भी दी गई थी। अनारक्षित शारीरिक विकलांग श्रेणी के लिए निर्धारित समय में काउंसलिंग नहीं की गई। उसे बाद में फरवरी 2017 में पूरा किया गया। इस काउंसलिंग में प्रतिवादी को जेबीटी के पद पर नियुक्ति दी गई। प्रतिवादी की ओर से दलील दी गई थी कि उसने 7 अक्तूबर 2016 को टेट की परीक्षा पास कर ली थी, जबकि अनारक्षित शारीरिक विकलांग श्रेणी के लिए फरवरी 2017 में पूरी की गई। अदालत ने रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि प्रतिवादी ने अधिसूचना जारी होने के समय टेट की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की थी। इसके अलावा वह निर्धारित काउंसलिंग के दिन भी टेट पास नहीं थी। लेकिन फरवरी में होने वाली काउंसलिंग में उसे नियुक्ति दे दी गई थी। अदालत ने कहा कि शिक्षक के लिए टेट पास होना एक अनिवार्य योग्यता है, जिसे अधिसूचना जारी होने से पहले पूरा होना चाहिए था।