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विस अध्यक्ष के चैंबर के बाहर धरने पर बैठे तीन निर्दलीय, इस्तीफा मंजूर नहीं होने से भड़के
Three Independent MLAs: शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में अपने पदों से इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय (Three Independent) केएल ठाकुर, आशीष शर्मा, होशियार सिंह आज विधानसभा में अध्यक्ष के चैंबर के बाहर धरने (Strike) पर बैठ गए। इन कहना है कि एक सप्ताह बाद भी इनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ। इसको देखते हुए ये धरने पर बैठे हैं। ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई इस्तीफा स्वीकार करने के लिए धरने पर बैठे हैं। तीनों ने विधानसभा अध्यक्ष पर सरकार के दबाव में इस्तीफा स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया है।
अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है
देहरा से निर्दलीय होशियार सिंह (Hoshiyar Singh) ने बताया कि उन्होंने अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है। कोई भी दबाव उन पर नहीं है। ऐसे में स्पीकर को उनका इस्तीफा स्वीकार करना चाहिए। उल्टा उन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने नोटिस (Notice) निकालकर 10 दिन में जवाब मांगा है। हमीरपुर से आशीष शर्मा का कहना है इस्तीफा देने के लिए उन पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं डाला। वह अब अपनी मर्जी से बीजेपी में शामिल हुए हैं। विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने उन्हें धरने पर बैठने के लिए मजबूर किया है। यदि अब भी इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। नालागढ़ से केएल ठाकुर ( KL Thakur)ने कहा- कि उनके इस्तीफे को राजनीति रंग देने का प्रयास हो रहा है। एक हफ्ते से इस्तीफा मंजूर नहीं हो रहा। उन्होंने इस्तीफा मंजूर करने के लिए रिमाइंडर भी दे दिया है।
बीती 22 मार्च को दिया था इस्तीफा
आपको बता दें कि नालागढ़ से केएल ठाकुर, (KL Thakur) देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा (Ashish Sharma) ने बीते 22 मार्च को इस्तीफा दिया था और अगले दिल बीजेपी का दामन थामा था। तीनों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया और सचिव यशपाल को अपना इस्तीफा सौंपा है। हालांकि इनका इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं किया गया।
कांग्रेस मंत्रियों की शिकायत पर तीनों को नोटिस
इनके इस्तीफे के लोकर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी (Jagat Singh Negi) और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सवाल उठाए हैं और स्पीकर से शिकायत भी की है। दोनों मंत्रियों ने संदेह जताते हुए कहा कि क्या इन विधायकों पर क्यों दवाब था जो इन्हें इस्तीफा देने की जरूरत पड़ गई? अन्यथा 5 साल के लिए जनता द्वारा चुने गए विधायकों ने आखिर 15 महीनों में क्यों इस्तीफा दिया। वहीं, दोनों मंत्रियों की शिकायत के बाद स्पीकर ने तीनों निर्दलीयों को नोटिस जारी कर दिया है। जिसका जवाब इन्हें 10 अप्रैल को देने को कहा गया है।