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गुमशुदगी के बीच 11वें Panchen Lama हो गए 31 के, क्या करेंगे तिब्बती
11 वें पंचेन लामा (11th Panchen Lama) गेधुन चोयकी नीमा गुमशुदगी के बीच ही 31साल के होने जा रहे हैं। विश्वभर में फैले तिब्बती एक बार फिर से मायूस हो चले हैं कि दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर के धर्मगुरु 11 वें पंचेन लामा का पिछले 25 साल से कोई अता-पता नहीं है। यूं तो विश्वभर में रहने वाले तिब्बती हर वर्ष पंचेन लामा के जन्म दिवस पर उनकी लंबी आयु की कामना के लिए पूजा-अर्चना करते आए हैं, इस मर्तबा लॉकडाउन के चलते अपने-अपने स्थान पर ही वह धर्मगुरु की लंबी आयु की कामना (Panchen Lama Long Life Prayer) करेंगे। 11 वें पंचेन लामा गेधुन चोयकी नीमा 25 अप्रैल को 31 साल के हो जाएंगे।
पंचेन लामा को भी बुद्ध का ही माना जाता है अवतार
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की ही तरह पंचेन लामा को भी बुद्ध के ही एक रूप का अवतार माना जाता है। पंचेन लामा को अमिताभ का अवतार माना जाता है जो बुद्ध के असीम प्रकाश वाले दैवीय स्वरूप हैं। जबकि दलाई लामा उनके अवलोकीतेश्वर स्वरूप के अवतार माने जाते हैं। अवलोकीतेश्वर को करुणा का बुद्ध माना जाता है। पारंपरिक रूप से, एक रूप दूसरे स्वरूप का गुरू है और दूसरे के अवतार की पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका मिलती है। पंचेन लामा की उम्र और दलाई लामा की उम्र में पचास से अधिक वर्ष का अंतर हैए ऐसे में जब दलाई लामा के अवतार की खोज होगी तो ये काम पंचेन लामा ही करेंगे ऐसा भी कहा जाता है। लेकिन पंचेन लामा स्वयं कहां हैं इसका ही पता नहीं है।
कौन हैं पंचेन लामा
14 मई, 1995 को तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा ने गेधुन चोयकी नीमा (Gedhun choekyi nyima) को 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी थी। इसके तीन दिन के बाद ही 17 मई 1995 से छह वर्षीय गेधुन व उनके परिजन रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हैं। 28 मई, 1996 तक तो यह भी पता नहीं चल सका कि गेधुन व उसके परिजनों का किसने अपहरण किया, लेकिन जब इस मामले को संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के अधिकारों के लिए गठित कमेटी ने उठाया तो पता चला कि चीन ने उसे बंदी बनाया हुआ है। चीन का मानना है कि दलाई लामा द्वारा घोषित पंचेन लामा को लेकर बुद्ध संप्रदाय के लोगों में भारी रोष पनप रहा था, इसी के चलते उन्हें सेना को भेजना पड़ा। इसके बाद से पंचेन लामा व उनके परिजनों के बारे में ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई कि वह कहां हैं। इसी बीच 29 नवंबर, 1995 को चीन ने ग्यालसन नोरबू को पंचेन लामा घोषित कर दिया। गेधुन चोयकी नीमा इस वक्त 31 वर्ष के हो चुके हैं, जबकि उन्हें तिब्बती समुदाय में धर्मगुरु दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा गुरू माना जाता है।